उत्तराखंड में फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल (Ajay Kothiyal) मंगलवार को बीजेपी में शामिल हुए. गंगोत्री विधानसभा सीट से जमानत जब्त कराने वाले कर्नल अजय कोठियाल (सेनि.) को बीजेपी में लाने के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं. राजनीतिक जानकारों के अनुसार, बीजेपी ने बड़ी सियासी रणनीति के तहत कर्नल कोठियाल को पार्टी में शामिल कराया. हिमाचल और उत्तराखंड की राजनीतिक समझ रखने वाले सियासी जानकारों के अनुसार, हिमाचल विधानसभा चुनाव में कर्नल कोठियाल बीजेपी के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में आप को सफाया होने के बाद पार्टी कर्नल अजय कोठियाल और उनके समर्थक भी खुद को पार्टी में असहज महसूस कर रहे थे. कर्नल कोठियाल और उनकी टीम को अब सम्मानजनक ठिकाने की तलाश थी. कर्नल कोठियाल ने बीजेपी से संपर्क साधा और बीजेपी ने तुंरत पार्टी के दरवाजे खोल दिए. पार्टी सूत्रों के अनुसार कोठियाल और उनकी टीम को बीजेपी में लाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अहम भूमिका निभाई.
कर्नल अजय कोठियाल को बीजेपी में लाने के बाद सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई. सवाल उठा कि विधानसभा चुनाव में जमानत जब्त होने के बावजूद कोठियाल को बीजेपी में शामिल करने के क्या सियासी मायने हो सकते हैं? राजनीतिक जानाकारों की माने तो, कर्नल अजय कोठियाल को पार्टी में लाने का बीजेपी को सबसे पहला लाभ सैन्य बहुल उत्तराखंड में सैनिक और पूर्व सैनिक परिवारों के बीच यह संदेश देना है कि वह सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों को महत्व देती है. राष्ट्रवाद के अपने एजेंडे को मजबूती देने के लिए भी उसने यह दांव चला. लेकिन बड़ा सियासी दांव पड़ोसी राज्य हिमाचल के लिए माना जा रहा है.
हिमाचल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी वहां चुनावी मोड में आ चुकी है. केंद्रीय नेतृत्व हिमाचल में बीजेपी की वापसी के लिए चुनावी रणनीति बना रहा है. कर्नल कोठियाल की बीजेपी में ज्वाइनिंग इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है. पार्टी नेताओं से ऐसे संकेत मिले हैं कि कर्नल कोठियाल हिमाचल चुनाव में बीजेपी के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं.
हिमाचल में आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए कमर कस दी है. पंजाब में सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी हिमाचल में भी सत्ता का ख्वाब देख रही है. ऐसे में बीजेपी सत्तारूढ़ बीजेपी कर्नल अजय कोठियाल को प्रचार मैदान में उतारकर आप के चुनावी हमलों का आसानी मुकाबला कर सकती है. बता दें के कर्नल कोठियाल उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के चेहरे थे. आम आदमी पार्टी का उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में खाता तक नहीं खुल पाया था. कर्नल कोठियाल की उत्तराखंड चुनाव में जमानत जब्त हो गई थी. वहीं, कोठियाल अब आम आदमी पार्टी से जुड़ने को अपनी सबसे बड़ी भूल बता रहे हैं. जाहिर है कि यही बात जब वह हिमाचल के मतदाताओं के बीच दोहराएंगे तो इसका जवाब देना आप के लिए आसान नहीं होगा.
दूसरा उत्तराखंड की तरह हिमाचल भी सैनिक बहुल माना जाता है. दोनों ही लिहाज से कर्नल कोठियाल बीजेपी के लिए उपयोगी दिखाई देते हैं. पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार कहते हैं, हिमाचल चुनाव के प्रचार में कर्नल अजय कोठियाल का पार्टी जरूर उपयोग करेगी. उत्तराखंड में फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल मंगलवार को बीजेपी में शामिल हुए.कर्नल कोठियाल ने 18 मई को आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा दे दिया था. वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रमुख मदन कौशिक की उपस्थिति में पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए. आप ने इस बार उत्तराखंड में बड़ा लक्ष्य रखा था और विधानसभा की सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे तथा मतदाताओं को रिझाने के लिए कई चुनावी तोहफों का भी वादा किया था.
हालांकि, पंजाब में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उत्तराखंड में आप का खाता तक नहीं खुला और आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कोठियाल की गंगोत्री विधानसभा सीट पर जमानत जब्त हो गई. बताया जाता है कि उत्तराखंड चुनाव में आप को मिली हार के बाद कोठियाल पार्टी (आप) द्वारा अपने साथ किये गये बर्ताव से खुश नहीं थे.