तटरक्षक दल के मुताबिक यह समुद्री अभ्यास तटीय सुरक्षा तंत्र के पुनर्मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करता है और समुद्र में मछुआरों के बीच जागरूकता लाता है। रक्षा मंत्रालय में बताया कि इस अभ्यास के दौरान, समुद्र में मछली पकड़ने वाली सभी नौकाओं, नावों और छोटे जहाजों के आवश्यक दस्तावेजों तथा चालक दल को जारी किये गए पास की व्यापक जांच एवं सत्यापन किया गया।
तटरक्षक दल ने बताया कि इस अभ्यास में कुल 118 जहाज शामिल हुए। वहीं सीमा शुल्क, समुद्री पुलिस, बंदरगाहों और भारतीय नौसेना ने भी इस अभ्यास में शिरकत की। अभ्यास में तटीय सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त करने के उद्देश्य के साथ मछुआरों के लिए बायोमेट्रिक कार्ड जारी करने, प्रत्येक राज्य के अनुसार मछली पकड़ने वाली नौकाओं की रंग कोडिंग, मछली उतारने वाले केंद्रों की व्यवस्था और प्रवेश व निकास जांच बिंदुओं पर पूर्ण नियंत्रण व तटीय मानचित्रण जैसे कई उपाय शामिल किए गए हैं। तटरक्षक दल ने बताया कि इसके अलावा अभ्यास में सुरक्षा एजेंसियों के लिए विशिष्ट समुद्री बैंड आवृत्ति नामित करना, भारतीय तट रक्षक द्वारा समुद्री पुलिस कर्मियों का प्रशिक्षण आदि भी शामिल है।
सुरक्षा एजेंसियों को बायोमेट्रिक कार्ड रीडर भी जारी किए गए हैं। नौकाओं की निगरानी के अलावा, तटीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत द्वीपों की सुरक्षा और सामुदायिक संपर्क कार्यक्रमों को संस्थागत बनाया गया है। तटरक्षक दल के मुताबिक तटीय सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर महीने एक दिवसीय अभ्यास आयोजित किया जाता है। दल का कहना है कि इससे प्राप्त होने वाले परिणामों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है। यह अभ्यास महत्वपूर्ण प्रशिक्षण परिणाम को सामने लाने और तटीय सुरक्षा में प्राप्त हुए रुझानों को प्रस्तुत करने के अलावा विभिन्न तटीय सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन को सत्यापित करने में सक्षम बनाता है।