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कोल इंडिया ने कहा- 'गैर ऊर्जा क्षेत्र के लिये कोयले की कमी नहीं, हर दिन हो रही 3.4 लाख टन कोयले की आपूर्ति'

Kunti Dhruw
12 Feb 2022 3:58 PM GMT
कोल इंडिया ने कहा- गैर ऊर्जा क्षेत्र के लिये कोयले की कमी नहीं, हर दिन हो रही 3.4 लाख टन कोयले की आपूर्ति
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सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शनिवार को कहा कि गैर-ऊर्जा क्षेत्र को वह अभी प्रतिदिन करीब 3.4 लाख टन कोयले (Coal Supply) की आपूर्ति कर रहा है.

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शनिवार को कहा कि गैर-ऊर्जा क्षेत्र को वह अभी प्रतिदिन करीब 3.4 लाख टन कोयले (Coal Supply) की आपूर्ति कर रहा है. जो इस क्षेत्र को कंपनी की ओर से की जाने वाली औसत आपूर्ति है. सीआईएल (Coal India) ने कहा कि क्षेत्र को आपूर्ति बढ़ाने के लिए उसके पास कोयले का पर्याप्त बफर भंडार है और गैर ऊर्जा क्षेत्र के लिये कोयले की कोई कमी नहीं है. दरअसल हाल ही में ट्रेड यूनियन ने आरोप लगाया था कि देश के गैर उर्जा क्षेत्र में कोयले की किल्लत हो गई है और कई पावर प्लांट बंदी की कगार पर हैं. इस्पात और एल्युमिनियम समेत विभिन्न क्षेत्रों में निजी उपयोग वाले बिजली संयंत्रों (power plant) में ईंधन की कमी की खबरों के बीच सीआईएल का यह बयान महत्वपूर्ण है.

विदेशी बाजारों में कीमतें बढ़ने से आयात पर असर
गैर-ऊर्जा क्षेत्र (एनपीएस) एक वित्त वर्ष के दौरान घरेलू कोयले के साथ मिश्रण के लिए करीब 17 करोड़ टन कोयले का आयात करता है. लेकिन चालू वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमतों में आई तेजी से आवश्यक मात्रा में कोयले का आयात करना मुश्किल हुआ जिससे कोयले की कमी की समस्या का सामना करना पड़ा. महारत्न उपक्रम सीआईएल ने एक बयान में कहा, ''कोल इंडिया ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी के बीच एनपीएस को 10.17 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की जो 2019-2020 में महामारी से पहले के समय के 9.4 करोड़ टन से 8.2 फीसदी अधिक है.'' इस अवधि में, ऊर्जा क्षेत्र में आपूर्ति की तुलना में गैर-ऊर्जा क्षेत्र के ग्राहकों को आपूर्ति में वृद्धि कहीं अधिक दर से हुई. कंपनी ने कहा, ''गैर-ऊर्जा क्षेत्र को आपूर्ति बढ़ाने के लिए सीआईएल के पास पर्याप्त बफर भंडार है. कोयले की उपलब्धता को लेकर कोई समस्या नहीं है.'
9 प्रतिशत बढ़ा घरेलू उत्पादन
कोयला क्षेत्र में सुधारों से ईंधन का घरेलू उत्पादन 9.01 प्रतिशत बढ़ा है. कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक कोयले का उत्पादन बढ़कर 44.754 करोड़ टन हो गया जो 2019-20 की इसी अवधि में 41.055 करोड़ टन था. सरकारी बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 को तुलना वर्ष के रूप में नहीं लिया गया है. इसका कारण कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों से औद्योगिक उत्पादन गंभीर रूप से प्रभावित होना है. बयान में कहा गया है, ''कोयले का घरेलू उत्पादन बढ़ने से बिजली मांग बढ़ने के बावजूद इस ईंधन के आयात में उल्लेखनीय कमी आयी है.'' कोयला आधारित बिजलीघरों का उत्पादन नवंबर, 2021 में 671.91 अरब यूनिट रहा. यह वित्त वर्ष 2019-20 में उत्पादित 638.82 अरब यूनिट के मुकाबले 5.17 प्रतिशत अधिक है.आयातित कोयले से उत्पन्न बिजली, 2019 में अप्रैल-नवंबर के दौरान 61.78 अरब यूनिट थी. यह 2021-22 में इसी अवधि में 51.38 प्रतिशत घटकर 30.04 अरब यूनिट पर आ गयी. सभी स्तर के गैर-कोकिंग कोयले का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान 18.36 प्रतिशत घटकर 10.74 करोड़ टन रहा जो 2019-20 में इसी अवधि में 13.15 करोड़ टन था. कुल मिलाकर कोयले का आयात आलोच्य अवधि में करीब 11.13 प्रतिशत घटकर 14.71 करोड़ टन रहा.
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