कोल इंडिया लिमिटेड को मिला 12 मिलियन टन कोयला आयात करने का सरकार से निर्देश
लेटेस्ट न्यूज़: बढ़ती हुई बिजली की मांग को समय से पूरा करने और पर्याप्त ऊर्जा उत्पादन हेतु सरकार ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को बिजली उपयोगिताओं के लिए 12 मिलियन टन कोयला अगले 13 महीनों के लिए आयात करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। सूत्रों के अनुसार राज्य की बिजली कंपनियों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों ने शनिवार दोपहर तक का समय मांगा था ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें कितने कोयले की जरूरत है और जल्द ही कोल इंडिया द्वारा आयात के आदेश दिए जा सकें। 2015 के बाद यह पहला मौका होगा जब महारत्न कंपनी सूखे ईंधन का आयात करेगी।
सूत्र ने कहा, "भारत सरकार ने कोल इंडिया को इस साल जुलाई से जुलाई 2023 तक 1.2 करोड़ टन कोयले के आयात के लिए तैयार रहने को कहा है।" उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार जीवाश्म ईंधन की कमी के कारण अप्रैल में हुई बिजली की गड़बड़ी की पुनरावृत्ति से बचने के लिए कोयले का स्टॉक बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। कोयला विभाग सचिव ए के जैन ने अप्रैल माह में बिजली संयंत्रों में कम कोयले के स्टॉक के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जैसे कि अर्थव्यवस्था में तेजी के कारण बिजली की मांग में वृद्धि, COVID -19, गर्मियों का जल्दी आगमन, गैस और आयातित कोयले की कीमत में वृद्धि, और तटीय ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा बिजली उत्पादन में तेज गिरावट। बीते माह में देश के कई हिस्सों में कोयले की कमी के कारण बिजली गुल रही। उन्होंने यह भी कहा कि देश में कुल बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए पहले से ही कई उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि देश में गैस आधारित बिजली उत्पादन में भारी गिरावट आई है, जिससे बिजली संकट और भी बढ़ गया है।