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सीएम योगी ने लिया अहम फैसला, 'अनाथ और निराश्रित हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगी राज्य सरकार'
Deepa Sahu
19 May 2021 11:36 AM GMT
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 की बैठक में एक अहम फैसला लिया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 की बैठक में एक अहम फैसला लिया है. ,सीएम ने कहा कि अनाथ और निराश्रित हुए बच्चे राज्य की संपत्ति हैं इसलिए सरकरा ने फैसला लिया है कि कोरोना महामारी से जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो गई है, उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएगी. वहीं सीएम ने इस संबंध में सभी जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपी दी है. विभाग को कहा गया है कि वो इस संबंध में तत्काल विस्तृत कार्ययोजना तैयार करे.
बैठक में प्रदेश के शिक्षकों के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है. सीएम ने अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा है कि राज्य में सुनिश्चित किया जाए कि प्राविधिक शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित सभी संस्थानों सहित प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में किसी भी शिक्षक के वेतन में कटौती न की जाए. यदि संस्थान ने छात्रों से शुल्क लिया है तो शिक्षकों का वेतन भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए.
प्रदेश में एक्टिव केसों में आई कमी
यूपी में कोरोना के एक्टिव केसों में बढ़ी तेजी से कमी आ रही है. राज्य में अभी 1 लाख 23 हजार 579 एक्टिव केस हैं. 30 अप्रैल, 2021 को इन्हीं एक्टिव मामलों की संख्या 3 लाख 10 हजार 783 थी. इन मामलों में 1.87 लाख की कमी आई है. यानि एक्टिव मामलों की संख्या में 69 फीसदी की कमी आई है. प्रदेश में ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट 3.6 फीसदी है. जबकि बीते 24 घंटों में यह दर 2.45 फीसदी रही है.
वहीं प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर अब 91.4 प्रतिशत हो गई है. पिछले 24 घंटे में राज्य में कोरोना के कुल 7336 मामले आए हैं. यह संख्या 24 अप्रैल को आए 38,055 मामलों से लगभग 30 हजार कम है. वहीं, पिछले 24 घंटों में 19,669 संक्रमित व्यक्ति इलाज के बाद डिस्चार्ज हुए हैं.जल्द ही छात्रों को मिलेगा भत्ता
प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों के सभी छात्रों को सरकार लॉकडाउन के दौरान का मिड डे मील भत्ता और अनाज देगी. सभी जिलों में अभिभावकों को अनाज के लिए प्राधिकार पत्र सौंपने और इस प्रक्रिया को जल्द पूरा के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि मार्च के आखिरी हफ्ते में सितम्बर 2020 से फरवरी 2021 तक के मिड डे मील भत्ता का आदेश जारी किया गया था, लेकिन कोरोना और पंचायत चुनाव के कारण कई जिलों में छात्रों तक ये नहीं पहुंच पाया है. सरकार ने आदेश दिया है कि जल्द ही भत्ता और अनाज बच्चों तक पहुंचाया जाए.
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