दिल्ली। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज असदुद्दीन ओवैसी के गढ़ कहे जाने वाले हैदराबाद में पहुंच रहे हैं। मौका है भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आगामी बैठक का। खास बात यह है कि योगी ने स्थानीय बीजेपी यूनिट की तरफ से चारमीनार के बगल में स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर में जाने के निवेदन को स्वीकार कर लिया है। यह वही भाग्यलक्ष्मी मंदिर है, जिसके नाम पर योगी हैदराबाद नामकरण कर दिए जाने की इच्छा रखते हैं।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में बीजेपी के पदाधिकारियों ने बताया, 'बीजेपी तेलंगाना यूनिट ने योगी के समक्ष भाग्यलक्ष्मी मंदिर जाने का प्रस्ताव रखा था। मंगलवार को उनकी तरफ से सहमति आ गई है।' हैदराबाद के इंटरनैशनल कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही बीजेपी शासित प्रदेशों के सीएम और सीनियर नेता भी मौजूद रहेंगे।
BJP की तेलंगाना यूनिट ने योगी के भाग्यलक्ष्मी मंदिर में जाने को लेकर प्रचार शुरू कर दिया है। बीजेपी हैदराबाद के मंदिर में यह पॉलिटिकल माइलेज हासिल करना चाहती है। योगी ने 2020 में हुए हैदराबाद निकाय चुनावों के लिए जबर्दस्त प्रचार किया था। इससे फायदा हुआ कि 47 सीटों पर भगवा लहराते हुए मेयर की पद पर कब्जा जमाया था।
अयोध्या राम मंदिर की तरह ही भाग्यलक्ष्मी मंदिर भी भूमि विवाद का केंद्र रहा है। ऐसा आरोप लगता रहा है कि पहले मंदिर का निर्माण किया गया था और बाद में चारमीनार संपत्ति पर ही अतिक्रमण कर लिया गया। एएसआई ने रेकॉर्ड पर यह भी कहा था कि परिसर से सटे इस मंदिर जैसी संरचनाओं के कारण चारमीनार ने यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में अपना नामांकन नहीं करा पाया। मंदिर का गर्भ गृह की दीवार दरअसल चारमीनार की ही दीवार है। हालांकि हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मंदिर चारमीनार जितना ही पुराना है।