उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दिगंबर अखाड़े में परमहंस रामचंद्र दास महाराज को श्रद्धांजलि दी।
उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दिगंबर अखाड़े में परमहंस रामचंद्र दास महाराज को श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/gkfSDt7zo3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 31, 2022
बता दें कि ब्रह्मलीन महंत रामचंद्र दास परमहंस का जन्म वर्ष 1912 में हुआ था। उनकी मृत्यु 31 जुलाई 2003 में हुई थी। महंत रामचंद्र दास परमहंस फक्कड़ व तेजतर्रार संतों में गिने जाते थे। उनकी अयोध्या से की गई गर्जना दिल्ली तक पहुंचती थी। वर्ष 1949 से वे राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे और 1975 में उन्हें अयोध्या के दिगंबर अखाड़े का श्री महंत बनाया गया। महंत रामचंद्र दास परमहंस को बैरागी संत कहा जाता था। परमहंस रामचंद्र दास महाराज ने श्रीराम जन्मभूमि में पूजा-अर्चना के लिए 1950 में जिला न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया।
अदालत ने उस प्रार्थना पत्र पर अनुकूल आदेश दिए और निषेधाज्ञा जारी की। मुस्लिम पक्ष ने उच्च न्यायालय में अपील की, उच्च न्यायालय ने अपील रद्द करके पूजा-अर्चना बेरोकटोक जारी रखने के लिए जिला न्यायालय के आदेश की पुष्टि कर दी। इसी आदेश के कारण राम मंदिर निर्माण के आदेश के पूर्व तक पूजा-अर्चना होती रही, जो कि आज भी उसी प्रकार से श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के दौरान भी चल रही है।
श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के 77वें संघर्ष की शुरुआत अप्रैल, 1984 की प्रथम धर्म संसद (नई दिल्ली) में हुई, जिसमें अयोध्या, मथुरा, काशी के धर्मस्थानों की मुक्ति का प्रस्ताव स्वर्गीय दाऊदयाल खन्ना के द्वारा रखा गया, जो सर्वसम्मति से पारित हुआ।