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सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला, ऐसे मिलेगी किसानों को बारिश की सटीक जानकारी

Rounak Dey
21 Aug 2022 2:33 PM GMT
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला, ऐसे मिलेगी किसानों को बारिश की सटीक जानकारी
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उत्तर प्रदेश में इस बार मॉनसून कमजोर रहा है. इसका सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है. स्थिति में देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्नदाताओं को इस परेशानी से बाहर निकालने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि कम बारिश के कारण किसानों को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को विकास खंड स्तर पर रेन गेज की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है.
रेन गेज वर्षा मापने का यंत्र है, जिससे कम या ज्यादा दोनों तरह की बारिश का सटीक आकलन किया जाता है. बता दें कि इस आकलन पर तैयार डाटा किसानों के काफी काम आ सकता है. किसान पहले से फसल की बुआई से सिंचाई तक के लिए सतर्क रह सकता है. इससे किसानों का संभावित नुकसान कम किया जा सकता है. अभी तक तहसील स्तर पर रेन गेज सिस्टम लगाए थे. अब विकास खंड स्तर पर इन्हें बढ़ाए जाने का निर्देश दे दिया गया है.
उत्तर प्रदेश मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक प्रदेश में स्वचालित और मैनुअल दोनों तरह के रेन गेज संचालित किए जा रहे हैं. रेन गेज के जरिए हम जान सकते हैं कि एक निश्चित स्थान पर कितने मिमी बारिश हुई है. प्रतिवर्ष किसी खास महीने में कितनी बारिश हुई है, इसका डाटा किसानों के काम आ सकता है. इसको ध्यान में रखते हुए वह बुआई कर सकता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुमानित 300 से 400 के बीच रेन गेज यंत्र संचालित हो रहे हैं.
उत्तर प्रदेश मौसम विभाग अलग-अलग नोडल अफसरों के जरिए जिले स्तर पर प्रतिदिन, साप्ताहिक एवं सत्र स्तर पर मौसम का बुलेटिन जारी करता है. वहीं, ब्लॉक स्तर पर भी विभाग की ओर से मौसम का पूर्वानुमान जारी किया जाता है. हालांकि, ब्लॉक स्तर पर रेन गेज बढ़ाए जाने पर एक निश्चित स्थान पर वर्षा का सटीक आंकलन किया जा सकेगा. इससे स्थानीय किसानों को फायदा होगा और वो मौसम के अनुसार ही फसल की सुरक्षित बुआई को सुनिश्चित कर सकेंगे.
शनिवार को उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि वर्षा मापन अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. हमारी किसान हितैषी नीतियां इसके आकलन पर निर्भर करती हैं. वर्तमान में तहसील स्तरों पर रेन गेज़ यानी वर्षा मापक यंत्र लगाए गए हैं, इन्हें विकास खंड स्तर पर भी बढ़ाया जाए. साथ ही किसानों को मौसम की सही जानकारी देने के लिए राज्य स्तर पर पोर्टल विकसित किये जाने की जरूरत पर भी बल दिया.
बारिश के वक्त अक्सर मौसम विभाग कहां-कितनी बारिश हुई इसकी जानकारी देता है. दिनभर में होने वाली बारिश जिस यंत्र के माध्यम से मापा जाता है, उसे 'रेन गेज' या वर्षामापी यंत्र कहते हैं. रेन गेज यह बताता है कि एक निश्चत स्थान पर निश्चत समय में कितने मिमी बारिश हुई है.
रेन गेज का सबसे बड़ा फायदा किसान को मिलेगा. इसकी मदद से किसी निश्चित स्थान की भौगोलिक परिस्थितियां मालूम हो जाती हैं. मसलन, अगर साल में किसी स्थान पर 8 इंच से कम बारिश होती है तो वह स्थान 'रेगिस्तान' कहलाता है. इससे वहां होने वाली कृषि पैदावार के बारे में अनुमान लगाया जाता है. ऑटोमेटिक रेन गेज से रियल टाइम डाटा जैसे तापमान, वर्षापात व आर्द्रता आदि आंकड़ों को भी प्राप्त किया जा सकता है.
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