सरकारी काम में उदासीनता, अनियमितता और महिला कर्मचारी से अमर्यादित व्यवहार के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के डिप्टी कमिश्नर (स्वतः रोजगार) को निलंबित करने का आदेश दिया है। वाराणसी में सीडीओ के सामने ही महिला कर्मचारी से डिप्टी कमिश्नर ने गलत आचरण किया था। 29 सितंबर को सीडीओ मधुसूदन हुल्गी ने डिप्टी कमिश्नर स्वत रोजगार सुरेश चन्द्र केसरवानी के कार्यालय का निरीक्षण किया था। महिला कर्मचारी से पूछताछ करने पर सीडीओ के सामने ही डिप्टी कमिश्नर ने अमर्यादित, अशोभनीय और अपशब्दों का इस्तेमाल कर धमकाने का प्रयास किया था।
इस पर सीडीओ ने गहरी नाराजगी जताई और उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। सीडीओ ने इसकी शिकायत डीएम कौशल राज शर्मा से की। सीडीओ के अनुमोदन के बाद डीएम ने उपायुक्त स्वत रोजगार पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री से संस्तुति की। जिसके आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबित किया।सीडीओ ने निरीक्षण में पाया था कि डीआरपी मानदेय में कर्मचारी निर्मल के अप्रैल व मई 2018 का मानदेय आज तक लंबित है। एसएसजी बुक ऑफ रिकॉर्ड भुगतान संबंधित पत्रावली पर सीडीओ के हस्ताक्षर होने के बावजूद अब तक पत्रावली बैंक को भेजा नहीं गया। इसके कारण वेंडर का भुगतान आज तक लंबित है।
कार्यालय में एक फोर पेपर नहीं पाया गया। खरीदने के लिए जेम पोर्टल के जरिए तैयार पत्रावली पर स्वीकृति नहीं दी गई। टीए डीए संबंधित पत्रावली पर समस्त बीएमएम एवं डीएम को मिशन से निर्धारित फिक्स ट्रैवल अलाउंस उनके योगदान तिथि से भुगतान नहीं किया गया। विकास इन काशी विद्यापीठ की नोटशीट सहायक लेखाकार ने तैयार की थी। लेकिन पत्रावली पर कार्रवाई की टिप्पणी अंकित नहीं पाईं गईं। मास्क वितरण संबंधित पत्रावली पर मास्क के वितरण तथा समूह को सिलाई आदि से संबंधित भुगतान रिपोर्ट नहीं मिली। स्कूल ड्रेस के लिए प्रशिक्षित महिलाओं की सूची कब तक, किस किस समूह के द्वारा स्कूल ड्रेस सिलाई की गई, किस विद्यालय को उपलब्ध कराया की रिपोर्ट पत्रावली में नहीं मिली। यूएनडीपी संबंधित पत्रावली पर ओके संबंधित कोई भी प्रगति रिपोर्ट कार्यालय में नहीं मिली। फंड मांग पत्रावली पर फंड नहीं पाया गया। सीआईएफ की पत्रावली भी ठीक नहीं मिली।