भारत

सीएम पिनराई विजयन ने लगाया आरोप, कहा- 'लक्षद्वीप में 'भगवा एजेंडे' को थोपने की हो रही कोशिश'

Deepa Sahu
31 May 2021 11:34 AM GMT
सीएम पिनराई विजयन ने लगाया आरोप, कहा- लक्षद्वीप में भगवा एजेंडे को थोपने की हो रही कोशिश
x
सीएम पिनराई विजयन ने लगाया आरोप,

केरल विधानसभा (Kerala Legislative Assembly) ने सोमवार को सर्वसम्मति से लक्षद्वीप (Lakshadweep) के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल (Praful Khoda Patel) को वापस बुलाने और लक्षद्वीप मुद्दे पर केंद्र के हस्तक्षेप की मांग का प्रस्ताव पारित किया है. इसी के साथ, केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने केंद्रशासित प्रदेश में हुए हालिया घटनाक्रमों को लेकर प्रस्ताव पारित किया है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) ने सरकारी प्रस्ताव पेश किया, जो 15वीं विधानसभा में इस तरह का पहला प्रस्ताव है. उन्होंने लक्षद्वीप के लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार की निंदा की.

दरअसल, लक्षद्वीप प्रशासन के ड्राफ्ट में बिना सक्षम अधिकारी की इजाजत के गाय, बछड़े, बैल और भैंस की हत्या पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार विरोध करने में लगा हुआ है. विजयन ने कहा कि लक्षद्वीप का भविष्य चिंता का विषय है और इसकी अनूठी और स्थानीय जीवनशैली को कमजोर करना अस्वीकार्य है. मुख्यमंत्री ने अपील की है कि संवैधानिक मूल्यों को बरकरार रखने का समर्थन करने वालों को लक्षद्वीप के प्रशासक के कदमों का कड़ा विरोध करना चाहिए.
प्रस्ताव में लगाए गए ये आरोप
प्रस्ताव में कहा गया है कि लक्षद्वीप में स्थानीय जीवन शैली और पारिस्थतिकी तंत्र (Ecological Systems) नष्ट करके 'भगवा एजेंडे' और कॉरपोरेट हितों को थोपने की कोशिश की जा रही है. इसमें आरोप लगाया गया है कि सुधार के नाम पर शुरू किए गए एजेंडे का क्रियान्वयन नारियल के पेड़ों को भगवा रंग से रंगकर शुरू किया गया और अब यह इस स्तर तक बढ़ गया है कि द्वीप के लोगों के पारंपरिक आवास, जीवन और प्राकृतिक संबंधों को नुकसान पहुंच रहा है. प्रस्ताव में कहा गया है कि द्वीप में अपराध की दर असाधारण रूप से कम है, इसके बाद भी गुंडा कानून लागू करने के लिए कदम उठाए गए.
विपक्ष लगातार ये आरोप लगा रहा है कि शराब के सेवन पर रोक और बीफ उत्पादों (गोमांस) पर प्रतिबंध लगाकर वह मुस्लिम बहुल द्वीप पर एकतरफा प्रतिबंध लगा रहे हैं. प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राधिकारी मछली पकड़ने जैसे आजीविका के पारंपरिक जरिए को नष्ट करना चाहते हैं. इसमें आरोप लगाया गया है कि क्षेत्र के लोगों के प्राकृतिक आहार का हिस्सा कथित गोमांस को बाहर करने के प्रयास के जरिए गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के संघ परिवार के एजेंडे को पिछले दरवाजे से लागू किया जा रहा है. प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रशासक ने केंद्रशासित प्रदेश के लोगों के स्थानीय जीवन और संस्कृति को धीरे-धीरे नष्ट करने का बीड़ा उठाया है.
CM विजयन ने की केंद्र के कानून की निंदा
विजयन ने प्रशासक को अलग-अलग सरकारी विभागों के मामलों में हस्तक्षेप करने का विशेष अधिकार देने वाले केंद्र सरकार के कानून की निंदा की. उन्होंने कहा कि यह अपनी पसंद के अधिकारी नियुक्त करके द्वीप के स्वाभाविक लोकतंत्र को कमजोर करने के समान है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, "लक्षद्वीप में हालिया घटनाक्रम को संघ परिवार के एजेंडे की लैब के रूप में देखा जाना चाहिए. वे देश के लोगों की संस्कृति, भाषा, जीवनशैली और खानपान संबंधी आदतों को अपनी विचारधारा के अनुसार बदलने की कोशिश कर रहे हैं."
कांग्रेस के साथ इन दलों ने प्रस्ताव का किया समर्थन
उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश के लोगों को 'कॉरपोरेट हितों और हिंदुवादी राजनीति' का गुलाम बनाने की कोशिश के खिलाफ कड़ी आवाज उठाई जानी चाहिए. विजयन ने कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि केंद्रशासित प्रदेश और उसके मूल निवासियों की विशिष्टता को सुरक्षित रखा जाए. उन्होंने कहा कि प्रशासक इसे चुनौती दे रहे हैं और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाना चाहिए. विपक्षी कांग्रेस के नेता वी डी सतीशन ने प्रस्ताव का समर्थन किया. वहीं, सत्तारूढ़ CPI-M के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) के सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव का समर्थन किया. UDF ने इसमें कुछ संशोधनों का सुझाव दिया.
Deepa Sahu

Deepa Sahu

    Next Story