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सीएम नीतीश कुमार ने दिए जेपी सेनानियों को तोहफा, अब मिलेगी बढ़ी पेंशन राशि
Kajal Dubey
11 Oct 2021 2:46 PM GMT
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जय प्रकाश नारायण की जयंती (JP Jayanti) पर पटना (Patna) के गांधी संग्रहालय में जेपी पर लिखी पुस्तक The Dream Of Revolution का विमोचन किया.
पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जय प्रकाश नारायण की जयंती (JP Jayanti) पर पटना (Patna) के गांधी संग्रहालय में जेपी पर लिखी पुस्तक The Dream Of Revolution का विमोचन किया. इस पुस्तक की लेखिका सुजाता प्रसाद हैं. सीएम नीतीश (CM Nitish) ने कहा कि आज हम राजनीति में हैं तो इसकी शुरुआत छात्र राजनीति से हुई थी. छात्र राजनीति में हम लोगों ने जेपी से आग्रह किया था आंदोलन करने के लिए जिसे उन्होंने मान लिया था और देश भर में आंदोलन हुआ था.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि वो जेपी के सच्चे अनुयायी थे, और उनके शिष्य होने के नाते मैं जेपी आंदोलन से जुड़े सेनानियों के लिए बड़ी घोषणा करता हूं. उन्होंने कहा कि जेपी मूवमेंट से जुड़े वैसे सेनानी जो छह महीने जेल में थे उन्हें अब पांच हजार के बजाए साढ़े सात हजार रुपये मिलेंगे. जबकि छह महीने से ज्यादा समय जेल में रहने वालों को सरकार 10 हजार से बढ़ाकर अब 15 हजार रुपये पेंशन देगी. इसके अलावा, जेपी के निवास स्थान चरखा समिति के मेंटेनेंस (रख-रखाव) राशि में वृद्धि की गई है. गांधी संग्रहालय को मिलने वाली राशि मे इजाफा किया जाएगा. बापू, जेपी और लोहिया के विचारों को आगे बढ़ाते रहेंगे. गांधी संग्रहालय को अब दो से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपए दी जाएगी.सीएम नीतीश ने कहा कि वो (जेपी) हमें बहुत मानते थे. उन्होंने मुझे अपने शयन कक्ष तक आने की अनुमति दी थी. यह खुशी की बात है जेपी पर गांधी का बड़ा प्रभाव पड़ा. हम जो भी काम करते हैं वो गांधी, लोहिया और जय प्रकाश के सिद्धांत पर ही चल कर करते हैं.
बता दें कि आजादी से पहले वर्ष 1942 में जयप्रकाश नारायण को अंग्रेजों ने जेल में बंद कर दिया था. किसी तरह जेल से वो निकल कर भाग गए. बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गये और पार्टी के साथ काम किया. हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज नहीं करने पर राजनीति छोड़ दी थी.
Kajal Dubey
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