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पीएम नरेंद्र मोदी को सीएम ममता ने करवाया 30 मिनट का इंतजार...सौंपे कागजात और चली गईं...जाने क्या है पूरा माजरा

HARRY
29 May 2021 1:30 AM GMT
पीएम नरेंद्र मोदी को सीएम ममता ने करवाया 30 मिनट का इंतजार...सौंपे कागजात और चली गईं...जाने क्या है पूरा माजरा
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फाइल फोटो 

पीएम ने निकाला था समय, सीएम ने किया दुर्व्यवहार

यास चक्रवाती तूफान (Yaas Cyclone) से हुए नुकसान की रिव्यू मीटिंग के लिए पहुंचें पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बैठक का सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने बॉयकॉट किया. पीएम नरेंद्र मोदी कलाईकुंडा पहुंच गए थे. उनके पहुंचने के बाद लगभग 30 मिनट के बाद सीएम ममता बनर्जी पहुंचीं. पीएम को कागजात सौंपी और धड़ल्ले से कक्ष से निकल गईं. अब बीजेपी ने सीएम ममता बनर्जी पर संघीय व्यवस्था की अवहेलना करने और पीएम के पद का असम्मान करने का आरोप ममता बनर्जी पर लगाया है.

सूत्रों का कहना है कि जब पीएम समीक्षा बैठक में शामिल होने पहुंचे तो वहां पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोई नहीं था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव दोनों एक ही परिसर में मौजूद थे और फिर भी वे पीएम का स्वागत करने नहीं आए. बीजेपी के बंगाल के केंद्रीय सह प्रभारी अरविंद मेनन ने ममता बनर्जी पर संघीय व्यवस्था की अवहेलना करने और उनका व्यवहार बंगाल के प्रति अवहेलना को दर्शाता है.
पीएम ने सीएम का आधे घंटे तक किया इंतजार
पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों के आने के लिए पीएम, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्रियों ने धैर्यपूर्वक आधे घंटे तक इंतजार किया. अचानक ममता बनर्जी आती हैं और पीएम को चक्रवात के प्रभाव पर कागजों सौंपती हैं और कहती हैं कि वह जा रही हैं क्योंकि उनके और भी दौरे हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि यह काफी चौंकाने वाला है. ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव और गृह सचिव जैसे पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों को भी प्रेजेंटेशन देने की अनुमति नहीं दी. पूरा प्रेजेंटेशन स्क्रीन पर लोड था, लेकिन उन्होंने अधिकारियों को इसे पीएम के सामने पेश करने से रोक दिया.
पीएम ने निकाला था समय, सीएम ने किया दुर्व्यवहार
बीजेपी नेताओं का कहना है कि बंगाल में नुकसान की समीक्षा के लिए पीएम ने समय निकाला, लेकिन सीएम की राजनीति और क्षुद्रता ने ऐसा होने से रोक दिया. ममता इस तुच्छ व्यवहार से केवल पश्चिम बंगाल के लोगों के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं. भारतीय गणतंत्र के इतिहास में पहले कभी किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और राज्यपाल जैसे उच्च संवैधानिक पद धारकों के साथ इतना बदसूरत, अपमानजनक और अभिमानी व्यवहार किया हो.
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