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चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि राज्यपाल केवल एक पोस्टमैन की तरह हैं जिन्हें चिट्ठी खोलकर देखने का अधिकार नहीं है। बता दें कि एक दिन पहले ही तमिलनाडु विधानसभा में बिल पास किया गया है जिसके तहत राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने का अधिकार राज्य सरकार के पास आ जाएगा। इससे पहले यह अधिकार गवर्नर के पास हुआ करता था।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल को कैबिनेट से पास बिल को सीधे राष्ट्रपति के पास भेज देना चाहिए। स्टालिन द्रविड़ियन पार्टी के एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। द्रविदार कड़गम के प्रेसिडेंट के वीरामणि ने कहा कि राज्यपाल आरएन रवि केवल एक पोस्टमैन हैं जिनके पास चिट्ठी खोलकर देखने का अधिकार नहीं है। बस चिट्ठी को राष्ट्रपति के पास भेज देना है और जवाब का इंतजार करना है। बाद में एमके स्टालिन ने उन्हीं के शब्दों को दोहराया।
विधानसभा में बिल पेश करने के बाद एमके स्टालिन ने कहा था कि जब राज्यपाल कुलपति नियुक्त करते हैं और फिर राज्य सरकार कोई प्रशासनिक फैसला लेती है तो दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि दो बार ऐसा भी हो चुका है जब विधानसभा से बिल पास होने के बाद भी राज्यपाल और राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिली। नीट से जुड़े बिल के नामंजूर होने के बाद एमके स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
सोमवार को विधानसभा में विश्वविद्यालय से जुड़े बिल को पेश करने के बाद एमके स्टालिन ने गुजरात का उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी कुलपति नियुक्त करने की शक्तियां राज्यपाल के पास नहीं बल्कि राज्य सरकार के पास हैं। इस दौरान भाजपा औऱ एआईडीएमके विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया था।
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