नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले प्रेस वार्ता कर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर बड़ा हला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके ने दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव मामले में दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने से रोकने की साजिश रची थी। शहरी विकास विभाग के सचिव पर दबाव डालकर दिल्ली सरकार के मंत्री की तरफ से प्रस्तावित वकील गौतम नारायण की जगह तुषार मेहता को वकील बनाने का आदेश दिया था। बता दें कि तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में एलजी के भी वकील थे।
सीएम अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि ऐसा कर एलजी विनय सक्सेना ने साजिश के तहत तुषार मेहता को शीर्ष अदालत में एलजी और दिल्ली सरकार का वकील बनवाकर दिल्ली सरकार को अपना पक्ष रखने से जबरन रोक दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट में दोनों अलग अलग पार्टी थी। संभवत: भारत के न्याय व्यवस्था के इतिहास में पहली बार एलजी ने ऐसा फैसला किया कि एक ही वकील उनका और दिल्ली सरकार दोनों का प्रतिनिधित्व करेगा। यह न्याय प्रशासन में गैर कानूनी हस्तक्षेप है। ऐसा कर उपराल्यपाल सक्सेना ने कोर्ट की आपरधिक अवमानना की है। एलजी और बीजेपी असंवैधानिक तरीके से बीजेपी का मेयर बनाना चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस सोची समझी साजिश को नाकाम कर दिया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आप लोकतंत्र और दिल्लीवालों से ज्यादती बताते हुए कहा कि एलजी और बीजेपी के लोग एमसीडी में हारने के बावजूद जबरदस्ती गैर कानूनी व असंवैनिक तरीके से बीजेपी का मेयर बनने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा अब हमने 22 फरवरी को मेयर चुनाव कराने के लिए एलजी को प्रस्ताव भेजा है उम्मीद है कि एमसीडी मेयर का चुनाव जल्द हो जाएगा। बता दें कि एलजी ने उनका ये प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि एलजी ने यूडी सचिव को आदेश देते हुए कहा कि मेरा वकील तुषार मेहता है। आप गौतम नारायण की जगह दिल्ली सरकार की ओर से वकील भी तुषार मेहता को ही बना दो। गौतम नारायण का वकालतनामा खाजिर कर दो। जबकि मनीष सिसोदिया ने गौतम नारायण को दिल्ली सरकार का वकील बनाने के लिए यूडी सचिव को निर्देशित किया था। ऐसे में यूडी सचिव के पास कोई विकल्प नहीं था और उन्होंने दिल्ली सरकार का वकालतनामा भी तुषार मेहता के पक्ष में दे दिया।
