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सीएम केजरीवाल ने कहा- 'ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दिल्ली के 3 अस्पतालों में बनेंगे डेडिकेटेड सेंटर'

Deepa Sahu
20 May 2021 9:11 AM GMT
सीएम केजरीवाल ने कहा-  ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दिल्ली के 3 अस्पतालों में बनेंगे डेडिकेटेड सेंटर
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दिल्ली में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज के लिए तीन अस्पतालों में डेडिकेटेड सेंटर बनाए जाएंगे.

दिल्ली में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज के लिए तीन अस्पतालों में डेडिकेटेड सेंटर बनाए जाएंगे. कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच कोरोना संक्रमण से उबर रहे मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के कई अस्पतालों में भी ऐसे केस सामने आए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को लेकर गुरुवार को अधिकारियों और एक्सपर्ट के साथ बैठक की, जिसमें ये फैसला लिया गया.

बैठक के बाद सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया, "ब्लैक फंगस के इलाज के लिए LNJP, GTB और राजीव गांधी अस्पताल में सेंटर बनाए जाएंगे. इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का पर्याप्त मात्रा में प्रबंध किया जाएगा. और बीमारी से बचाव के उपायों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी." उन्होंने कहा कि हमें इस बीमारी को बढ़ने से रोकने के साथ-साथ इसकी चपेट में आ रहे लोगों को बेहतर इलाज देना है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 200 से ज्यादा है. AIIMS में फिलहाल 80 मरीज भर्ती हैं, जबकि 51 मरीज सर गंगाराम हॉस्पिटल में हैं. 51 मरीजों में से 22 अब भी कोविड पॉजिटिव हैं, जबकि बाकी मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं. ब्लैक फंगस के कई मरीज ऐसे भी हैं, जो बेड का इंतजार कर रहे हैं. गंगाराम हॉस्पिटल के डॉ राणा ने बताया कि इनमें से 75 फीसदी मरीजों में डायबिटीज है.
फंगस के फैलने के बाद इसकी दवाओं की कमी की शिकायत भी सामने आ रही है. इसके इलाज में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है. दिल्ली सरकार ने बुधवार को एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने और जरूरतमंद एवं अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के बीच इस दवा के वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक 4 सदस्यों की टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी बनाई है.
क्या हैं म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण
कोविड-19 मरीजों या इससे ठीक हो चुके लोगों में म्यूकोरमाइकोसिस के मामले आ रहे है. यह म्यूकर नाम के फंगस के कारण होता है जो गीले सतह पर पाया जाता है. अनियंत्रित डायबिटीज वालों पर म्यूकर ज्यादा हमला करता है. अधिक समय तक आईसीयू में रहने वाले व्यक्ति में भी यह देखा जा रहा है. जब कोविड-19 मरीज को ऑक्सीजन प्रणाली पर रखा जाता है तो उसमें हवा को नम रखनेवाला जलयुक्त उपकरण लगा होता है, ऐसी स्थिति में मरीज के फंगल इन्फेक्शन की चपेट में आने का जोखिम बढ़ जाता है.
म्यूकोरमाइकोसिस में व्यक्ति को आंखों से धुंधला दिखाना या एक ही वस्तु का दो-दो दिखना (डबल विजन), नाक के ऊपर काले निशान बनने लगना, छाती में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और खून की उल्टी होना जैसे लक्षण शामिल हैं. ये लक्षण डायबिटीज मरीजों से ज्यादा जुड़े हुए हैं. कुछ दुर्लभ मामलों में मरीजों की आंख तक निकालनी पड़ती है. ICMR ने एडवाइजरी जारी कर बताया था कि डॉक्टरों को डायबिटीज से ग्रसित और कमजोर इम्यूनिटी वाले कोविड मरीजों के इलाज के वक्त साइनस दर्द या नाक का जाम होना, सिर के एक तरफ दर्द, सूजन, दांत या जबड़ों में दर्द जैसे कुछ लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए.
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