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असम-मिजोरम सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर CM हिमंत बिस्वा सरमा करेंगे PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात

Admin4
8 Aug 2021 1:52 PM GMT
असम-मिजोरम सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर CM हिमंत बिस्वा सरमा करेंगे PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा असम-मिजोरम सीमा मुद्दे और पूरे उत्तर-पूर्व में शांति बहाली पर चर्चा करने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. असम के बीजेपी सांसदों (BJP MPs) के साथ मुख्यमंत्री गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) असम-मिजोरम सीमा मुद्दे (Assam-Mizoram border issue) और पूरे उत्तर-पूर्व में शांति बहाली पर चर्चा करने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. असम के बीजेपी सांसदों (BJP MPs) के साथ मुख्यमंत्री गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, इन मुलाकातों के दौरान असम-मिजोरम सीमा पर जारी अशांति के साथ-साथ पूरे उत्तर-पूर्व में शांति बहाल करना चर्चा का केंद्र होगा. दिल्ली में शनिवार से मौजूद सरमा किन्हीं कारणों से शाह से पहले नहीं मिल पाए थे. सूत्रों ने यह भी बताया कि असम के मुख्यमंत्री ने रविवार को राज्य के बीजेपी सांसदों के साथ आमने-सामने बैठक भी की.
हालांकि असम और मिजोरम की सरकारें दशकों पुराने सीमा विवाद का टिकाऊ हल तलाशने व वाहनों का अंतर-राज्यीय आवागमन बहाल करने और तनाव घटाने के लिए टकराव वाले इलाकों से अपने-अपने पुलिस बलों को दूर रखने सहित अन्य उपाय करने के लिए गुरुवार को सहमत हुई. दोनों राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने अंतर-राज्यीय सीमा पर स्थिति सामान्य करने के लिए बैठक की, जहां 26 जुलाई को सीमा पर झड़प में असम पुलिस के छह कर्मियों और एक आम आदमी के मारे जाने और 50 अन्य के घायल होने के बाद तनावपूर्ण शांति है.
असम और मिजोरम सीमा पर शांति कायम रखने के लिए हुए सहमत
असम का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के सीमा क्षेत्र विकास मंत्री अतुल बोरा ने बैठक के बाद कहा कि दोनों पक्ष सीमा पर शांति कायम रखने के लिए सहमत हुए. असम सरकार मिजोरम की यात्रा के खिलाफ जारी किए गए परामर्श को वापस ले लेगी और दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही बहाल करने के लिए कदम उठाएगी.
असम की बराक घाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 पर कई समूहों के आर्थिक नाकेबंदी करने के बाद मिजोरम के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है, हालांकि असम सरकार ने दावा किया है अभी ऐसी कोई नाकेबंदी नहीं है. दोनों राज्यों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, 'दोनों राज्यों ने विवादित क्षेत्रों में तटस्थ बलों की तैनाती का स्वागत किया है और वे अपने-अपने वन और पुलिस बलों को गश्त करने, वर्चस्व स्थापित करने, प्रवर्तन के लिए नहीं भेजने को सहमत हुए हैं. साथ ही, हाल के समय में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच जिन स्थानों पर टकराव हुआ था उन इलाकों में बलों की नये सिरे से तैनाती नहीं की जाएगी. इसमें असम में करीमगंज, हैलाकांडी और कछार जिलों और मिजोरम के मामित और कोलासिब जिलों में असम-मिजोरम सीमा से लगे सभी इलाके शामिल हैं.'
असम-मिजोरम के अपने-अपने क्षेत्र की सीमा को अलग-अलग विचार
संयुक्त बयान पर असम के सीमा सुरक्षा एवं विकास मंत्री अतुल बोरा और विभाग के आयुक्त एवं सचिव जी डी त्रिपाठी ने तथा मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलीयाना और गृह सचिव वनलंगथस्का ने हस्ताक्षर किए हैं. दोनों राज्यों ने सीमा पर झड़प की घटना में लोगों की मौत होने पर शोक प्रकट किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. दोनों राज्यों के अपने-अपने क्षेत्र की सीमा को लेकर अलग-अलग विचार हैं. मिजोरम का मानना है कि उसकी सीमाएं बाहरी प्रभाव से आदिवासियों का संरक्षण करने के लिए 1875 में खींची गई 'आंतरिक रेखा' पर है, जबकि असम 1930 के दशक में किये गये एक जिला सीमांकन के आधार पर दावा करता है.


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