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सीएम हेमंत ने रेल मंत्री को पत्र लिख लगाया गंभीर आरोप, झारखंड में अवैध माइनिंग और ट्रांसपोर्टेशन में रेलवे की संलिप्तता
jantaserishta.com
14 Dec 2022 3:01 PM GMT
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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि झारखंड में बड़े पैमाने पर अवैध माइनिंग और ट्रांसपोर्टेशन में रेलवे की संलिप्तता है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को बुधवार को लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री को बताया है कि अवैध खनन एवं परिवहन में रेलवे के अफसरों की संलिप्तता और इससे संबंधित बिंदुओं की जांच के लिए झारखंड सरकार ने एक हाई लेवल कमिटी के गठन का निर्णय लिया है। उन्होंने रेल मंत्री से कहा है कि वे रेलवे के अफसरों को इस मामले की जांच के लिए बनाई गई कमेटी को सहयोग करने का निर्देश दें।
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि रेलवे द्वारा बगैर चालान या फर्जी चालान के आधार पर झारखंड से अवैध तौर पर खनन करके निकाली जा रही खनिज संपदा का ट्रांसपोर्टेशन किया जा रहा है। सोरेन ने इस बात पर दुख जताया है कि झारखंड सरकार की ओर से अवैध खनन और परिवहन पर रोक के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, उसमें रेलवे की ओर से कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो पन्नों के पत्र में विस्तार से इस बात का जिक्र किया है कि खनिज संपदा के अवैध परिवहन में रेलवे किस तरह साझीदार है। उन्होंने रेल मंत्री को संबोधित करते हुए लिखा है, आप इस बात से सहमत होंगे कि अवैध खनन को सबसे अधिक सहयोग परिवहनकर्ताओं का प्राप्त होता है, क्योंकि बिना परिवहन की सुविधा के कोई भी व्यक्ति अवैध खनन नहीं करेगा।..मुझे आपको खेद के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि रेलवे द्वारा अवैध खनन के परिवहन की रोकथाम हेतु किए जा रहे प्रयासों में राज्य को कोई सहयोग प्रदान नहीं किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया है कि राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन पर रोक के लिए जिम्स (जेआईएमएमस)नामक सिस्टम विकसित किया गया है। किसी भी तरह के खनिज के परिवहन के लिए इस सिस्टम के साथ इंटिग्रेशन आवश्यक है, लेकिन रेलवे ने लौह अयस्क को छोड़कर किसी भी प्रकार के खनिज के परिवहन में अपने सॉफ्टवेयर को 'जिम्स' नामक सिस्टम से इंटीग्रेट नहीं किया है। राज्य सरकार ने यह बात नीति आयोग, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद और कोयला मंत्रालय ने बैठकों में भी उठाई है। कोयला मंत्री से व्यक्तिगत तौर पर आग्रह किए जाने के बावजूद कोयले की ट्रांसपोटिर्ंग अभी भी रेलवे जिम्स नामक इस सिस्टम का पालन नहीं कर रहा है।
हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा साहेबगंज जिले में अवैध पत्थर खनन की जांच का उल्लेख करते हुए लिखा है कि ईडी ने विगत दो वर्षों में इस जिले से विभिन्न लोडिंग प्वाइंट से तीन हजार पांच सौ इकतीस से अधिक रेलवे रैक के जरिए बगैर चालान पत्थर के ट्रांसपोर्टेशन का आरोप लगाया है। इसमें रेलवे के अधिकारियों की संलिप्तता साफ तौर पर परिलक्षित होती है।
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