दिल्ली। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में अब एक महीने से भी कम का वक्त बचा है. ऐसे में पार्टी के भीतर हलचल तेज हो गई है. जैसे अशोक गहलोत ने मंगलवार रात विधायकों संग बड़ी बैठक की. इस बैठक में गहलोत ने साफ कर दिया कि वह राहुल को मनाने की आखिरी कोशिश करेंगे. अगर वह नहीं राजी हुए तो फिर गहलोत खुद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे. गहलोत आज दिल्ली आ रहे हैं.
बता दें कि कांग्रेस में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग उठ रही है. लेकिन राहुल चुनाव ना लड़ने का अपना स्टैंड शायद ही बदलें. सबसे पहले आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अबतक शशि थरूर और अशोक गहलोत का नाम सामने है. एक तरफ शशि थरूर को उनके संसदीय क्षेत्र वाले राज्य केरल से भी सपोर्ट मिलता नहीं दिख रहा है, वहीं दूसरी तरफ अशोक गहलोत चुनाव की तैयारियों में जुटे दिख रहे हैं. अशोक गहलोत ने रात 11 बजे करीब कांग्रेस विधायकों संग अपने आवास पर बैठक की. संगठन चुनाव के मद्देनज़र इस बैठक को अहम माना जा रहा था. विधायकों को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि मैं बुधवार को दिल्ली जा रहा हूं. वहां राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने का अनुरोध करूंगा. राहुल गांधी अगर तैयार नहीं होते हैं तो फिर नामांकन भरने की तैयारी करेंगे. गहलोत ने कहा कि नामांकन के समय आप सभी विधायकों को दिल्ली आना होगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी संदेश दिया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के साथ मुख्यमंत्री के पद पर भी वह बने रहेंगे.
अध्यक्ष पद के लिए राहुल के समर्थन में राज्य ईकाई लगातार आवाज उठा रही हैं. लेकिन सूत्रों की मानें तो राहुल अध्यक्ष पद का चुनाव ना लड़ने का अपना फैसला शायद ही बदलें. ऐसे में यह साफ है कि करीब 20 साल बाद देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी में चुनाव देखने को मिले. वैसे राहुल गांधी के समर्थन में लगातार आवाज उठ रही हैं. सात राज्यों के बाद हरियाणा कांग्रेस ने भी प्रस्ताव पास किया है कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए. इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर और बिहार में भी ऐसा प्रस्ताव पास हो चुका है.
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव पर दिग्विजय सिंह का बयान भी आया है. वह बोले कि अभी तो नामांकन 24 सितंबर तक होने हैं, ऐसे में देखना होगा कि कौन-कौन चुनाव लड़ता है. इसके साथ-साथ दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी के फेसबुक पोस्ट पर सफाई भी दी है. सोमवार को राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट भी किया था. इसमें उन्होंने लिखा था कि, 'जब नाव बीच मंझधार में फंस जाए, तब पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है. ना रुकेंगे, ना झुकेंगे, भारत जोड़ेंगे'. इसका अर्थ निकाला जा रहा था कि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी ठोक सकते हैं.
लेकिन अब इस पर दिग्विजय सिंह ने सफाई दी है. वह बोले कि पतवार रखने का मतलब यह नहीं है कि पार्टी की पतवार अपने पास रखें. दिग्विजय आगे बोले कि महात्मा गांधी क्या कोई पद पर रहे? पूरे देश को उन्होंने एक दिशा दी, उसको सभी ने स्वीकार किया. इसी तरह धीरे-धीरे राहुल गांधी को पद की आवश्यकता नहीं होगी.