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20 राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल, देशभर में बदल चुका है मौसम का मिजाज

jantaserishta.com
10 April 2024 5:27 AM GMT
20 राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल, देशभर में बदल चुका है मौसम का मिजाज
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इस साल देश में मॉनसून सामान्य रहेगा।
नई दिल्ली: प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट ने मंगलवार को बताया कि इस साल देश में मॉनसून सामान्य रहेगा। यानी जून से सितंबर के बीच चार महीने में मॉनसून की बारिश 102 प्रतिशत होने की उम्मीद है। मौसम विभाग (आईएमडी) भी 96 से 104 फीसदी के बीच बारिश को औसत या सामान्य मानता है। एजेंसी ने बताया कि चार महीने के मॉनसून सीजन में लंबी अवधि औसत (एलपीए) 868.6 मिलीमीटर है। एजेंसी ने बताया कि भारत के मध्य और पश्चिमी भागों में सामान्य से अधिक बारिश होगी। वहीं उत्तरी और दक्षिण हिस्सों में सामान्य बारिश और उत्तर-पूर्व भारत व पूर्वी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होगी।
स्काईमेट की रिपोर्ट के अनुसार, अल नीनो के कारण बारिश प्रभावित होती है, लेकिन जून के पहले हफ्ते से यह तेजी से ला नीना में बदल जाएगा। इससे बेहतर मॉनसून की संभावना बढ़ेंगी। इस परिवर्तन के कारण सीजन में बारिश की शुरुआत में देरी हो सकती है। हालांकि, कई इलाकों में कम या हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा। अभी तक के हिसाब से जून में एलपीए का 95 प्रतिशत, जुलाई में 105 प्रतिशत, अगस्त में 98 प्रतिशत और सितंबर में 110 प्रतिशत प्राप्त होने का अनुमान है।
एजेंसी के मुताबिक, देश के 20 से अधिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अच्छी बारिश की संभावना है। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, लक्षद्वीप में शामिल हैं।
एजेंसी ने बताया कि बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सामान्य बारिश होगी, जबकि असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में कम बारिश की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भविष्यवाणी की है कि उत्तर आंतरिक कर्नाटक में एक या दो दिनों में आंधी और बारिश की संभावना बन रही है। इससे राज्य में तापमान में गिरावट होने का अनुमान है। आईएमडी के मुताबिक, पिछले पांच-छह दिनों में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में हीटवेव की स्थिति बनी हुई थी। इसमें उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश प्रभावित थे, लेकिन अब यहां पर बारिश की संभावना बन रही है।
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