विकासशील देशों के कृषि क्षेत्र के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी सोमवार को ग्लासगो में सीओपी26 शिखर बैठक में भारत के जलवायु कार्रवाई एजेंडा पेश किया और इस क्षेत्र में उठाये गए श्रेष्ठ कदमों एवं उपलब्धियों के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने 'नल से जल', 'स्वच्छ भारत मिशन' जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, "भारत में 'नल से जल', स्वच्छ भारत मिशन और उज्ज्वला जैसी योजनाओं ने न केवल हमारे नागरिकों को लाभ पहुंचाया है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है." इसके साथ ही उन्होंने सम्मेलन से इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के बाद यह नफ्ताली की पीएम मोदी से पहली मुलाकात है. पीएम मोदी ने सीओपी-26 सम्मेलन में कहा, "भारत सहित ज्यादातर विकासशील देशों के कृषि क्षेत्र के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती है. पेयजल के स्रोतों से लेकर वहनीय आवास तक, सभी को जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सहन करने के अनुकूल बनाने की जरूरत है और इसीलिए जलवायु परिवर्तन अनुकूलन नीति को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत है ताकि अगली पीढ़ी इस मुद्दे के प्रति जागरूक हो."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीओपी26 में कहा, "हमें अनुकूलन को अपनी विकास नीतियों और योजनाओं का मुख्य भाग बनाना है. भारत में 'नल से जल', स्वच्छ भारत मिशन और उज्ज्वला जैसी योजनाओं ने न केवल हमारे नागरिकों को लाभ पहुंचाया है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है." उन्होंने आगे कहा, "कई पारंपरिक समुदायों को प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की जानकारी है. स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल जीवन शैली का संरक्षण भी इसे अपनाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है.