चालाक कातिल को उम्रकैद की सजा, हत्या कर शव को मेडिकल कॉलेज में किया था दान
रायपुर। पुरानी बस्ती में 4 साल पहले फरवरी 2019 में बुजुर्ग मां की गला घोंटकर हत्या करने के बाद बड़ी चालाकी से उसका शव मेडिकल कॉलेज को दान देने वाले दत्तक पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अपराधी सुदीप कुमार बोस (26 साल)ने पैसों और प्रापर्टी की लालच में उसी को मार दिया, जिसने उसे गोद लिया था। सबूत मिटाने के लिए शव मेडिकल कॉलेज में दान कर दिया। लेकिन कोर्ट में सच सामने आ गया।
विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज) हिरेन्द्र सिंह टेकाम ने उसे आजीवन कारावास की सजा दी। आरोपी सुदीप को 68 वर्षीय मृतिका हेमप्रभा ने गोद लिया था। दोनों परशुराम नगर गुप्ता किराना के पास रहते थे। 25 फरवरी को आरोपी ने रात 10 बजे वृद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी। शव को ठिकाने लगाने मृतिका की तबियत बिगड़ने का बहाना कर निजी अस्पताल ले गया। डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित किया। मृतिका ने जीवित रहते घोषणा की थी कि वह अपना शरीर दान कर देगी। इसी का फायदा उठाकर उसने शव मेडिकल कॉलेज को दिया।
उसने मृतिका की तबियत बिगड़ने और अस्पताल ले जाने की बात किसी रिश्तेदार को नहीं बतायी। खुद ही देहदान कर दिया। मृतिका के भाई जगदीश बोस को शक हुआ। उनकी शिकायत पर पुलिस को जांच के दौरान पता चला सुदीप हेमप्रभा को पैसों के लिए पीटता था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। पता चला कि मृतिका के शरीर पर पीटने और भोथरे हथियार से हमला करने के निशान हैं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और कोर्ट ने अब उसे सजा सुनाई।