सिरफुटौव्वल का VIDEO: कांग्रेस कार्यालय में दो कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, कारण बताओ नोटिस जारी
भोपाल: भोपाल में कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में दो कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। घटना सोमवार की है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इस शर्मनाक हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विवाद तब शुरू हुआ जब प्रवक्ता शहरयार खान …
भोपाल: भोपाल में कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में दो कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
घटना सोमवार की है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इस शर्मनाक हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विवाद तब शुरू हुआ जब प्रवक्ता शहरयार खान ने प्रदीप अहिरवार के खिलाफ आरोप लगाते हुए दावा किया, "प्रदीप पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मौखिक रूप से अपशब्द कह रहे थे।"
वायरल वीडियो में देखा गया कि पार्टी के कुछ अन्य पदाधिकारियों ने लड़ाई को रोकने का प्रयास किया, लेकिन, उनके प्रयास असफल रहे। एक अधिकारी ने भी हस्तक्षेप करने और आक्रोशित समूहों को शांत करने की कोशिश की।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष (संगठन) राजीव सिंह ने प्रदेश पार्टी प्रमुख जीतू पटवारी के आदेश पर कार्रवाई करते हुए पार्टी मुख्यालय के भीतर गाली-गलौज और मारपीट में शामिल दोनों नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नोटिस में दोनों नेताओं से कहा गया कि आपका शर्मनाक कृत्य पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है। उन्हें अगले हफ्ते अपना जवाब देने के लिए कहा गया है। यदि वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये तो उन्हें पार्टी से निकाला जा सकता है।
पिछले साल 17 नवंबर को हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 230 सीटों में से 163 सीटें जीती थी। जबकि, कांग्रेस ने 66 सीटें और भारतीय आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था, जबकि, दिग्विजय सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई थी।
इससे कुछ दिन पहले राष्ट्रीय कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत के दौरान कमलनाथ के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या वह चुनाव के दौरान भाजपा के साथ गठबंधन कर रहे हैं, और कहा था कि पार्टी नेतृत्व को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उनके कार्यों पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए था।
कमलनाथ जी समर्थक द्वारा दिग्विजय सिंह जी को गाली बकने को लेकर पीसीसी में जमकर चले लात-ठूँसे…
कुर्सियाँ चली , जमकर एक दूसरे को गालियाँ बकी गई…
बीचबचाव करने आये कमलनाथ समर्थक एक नेता को भी लात-ठूँसें पड़े… pic.twitter.com/wtWQ0sFsWp
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) January 29, 2024