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सटीक भविष्यवाणी करने वाले प्रोफेसर का दावा, कोरोना की चौथी लहर पर कही ये बात

Nilmani Pal
19 April 2022 1:48 AM GMT
सटीक भविष्यवाणी करने वाले प्रोफेसर का दावा, कोरोना की चौथी लहर पर कही ये बात
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दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों ने एक बार फिर टेंशन बढ़ा दी है. ऐसे में कोरोना की चौथी लहर की आशंका जताई जाने लगी है. हालांकि, कोरोना की लेकर पिछले दो साल से सटीक भविष्यवाणी करने वाले कानपुर IIT के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल के दावे ने बड़ी राहत दी है. अग्रवाल गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर भविष्यवाणी करते हैं. उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा कि कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना कम है. क्योंकि अब तक कोई नया म्यूटेंट नहीं आया है. उन्होंने ये भी कहा कि अब लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) 90% तक बन गई है. लेकिन अगर लापरवाही बरती तो ये म्यूटेंट फिर से अपना असर दिखा सकते हैं.

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते मामलों पर डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि हाल ही में प्रतिबंधों में ढिलाई के कारण केसों की संख्या बढ़ी है. स्कूल खुल गए हैं. लोगों ने मास्क का उपयोग करना बंद कर दिया है. ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. वर्तमान वैरिएंट को देखते हुए इम्युनिटी ज्यादा मजबूत है. वातावरण में कोरोना के जो पुराने म्यूटेंट हैं, वही अपना असर दिखा रहे हैं। पुराने म्यूटेंट खत्म नहीं हुए हैं. प्रो. अग्रवाल का कहना है कि स्टडी से पता चला है कि मामूली प्रतिबंधों के साथ मामले कम हुए हैं तो निश्चित रूप से यूपी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का कोविड के मामलों को कम करने में अच्छा प्रभाव पड़ेगा.

वे कहते हैं कि वैक्सीन करंट वैरिएंट के खिलाफ पूरी तरह से एफिशिएंट है. कोई भी टीका संक्रमण को रोक नहीं सकता है, लेकिन हां इससे कोई गंभीर बीमारी नहीं होगी और किसी अन्य टीके की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि स्टडी इस टीके के साथ वैरिएंट के खिलाफ अच्छे रिजल्ट बता रही है. उन्होंने लोगों से सार्वजनिक रूप से मास्क का उपयोग करने की सलाह दी है. बड़े पैमाने पर संक्रमण से बचाने के लिए नियमित रूप से सैनिटाइज करते रहना चाहिए. जितने केस हमने देखे हैं, वे लंबे समय तक नहीं रहेंगे. ये हमारा गणितीय मॉडल बताता है.

बता दें कि IIT के प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल कोराना काल में दूसरी और तीसरी लहर में भी गणितीय मॉडल पेश कर चुके हैं. उन्होंने देश के कई राज्यों में कोरोना की स्थिति स्पष्ट की थी, उन्होंने कोराना का पीक टाइम और खत्म होने का सटीक आकलन दिया था. प्रो. अग्रवाल को इसके लिए सम्मानित भी किया जा चुका है.


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