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CJI जस्टिस यूयू ललित हुए भावुक, कहा - खुशनसीब हूं, मैं वकीलों के परिवार से आता हूं...

Nilmani Pal
4 Sep 2022 4:58 AM GMT
CJI जस्टिस यूयू ललित हुए भावुक, कहा - खुशनसीब हूं, मैं वकीलों के परिवार से आता हूं...
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सोर्स न्यूज़  -  आज तक  

नागपुर। CJI जस्टिस यूयू ललित ने नागपुर में एक सम्मान समारोह में शिरकत की. इस दौरान CJI भाषण देते वक्त थोड़ा इमोशनल हो गए. CJI जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूं कि मैं वकीलों के परिवार से आता हूं. मेरे दादा ने 1920 में महाराष्ट्र के सोलापुर में वकालत शुरू की थी. यह सिलसिला 102 साल से जारी है. सीजेआई ने कहा कि जैसा कि न्यायमूर्ति सिरपुरकर ने बताया कि मैं खुशनसीब हूं कि मेरी पिछली और अगली पीढ़ी अभी भी इसी काम को कर रही है.

सीजेआई जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि यह जीवन का हिस्सा है. और यह ऐसी यात्रा है, जिसे आप लगातार करते रहते हैं. इस दौरान उन्होंने रुडयार्ड किपलिंग की कविता का उदाहण भी दिया. इस दौरान वह इमोशनल हो गए. थोड़ी देर बाद सीजेआई ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि मुझे हमेशा से ही बड़ों का आशीर्वाद मिला. मेरे आस-पास के सभी लोग, मेरे दोस्त, मेरे सहयोगियों का स्नेह मेरे साथ रहा. इन सभी ने मुझे एक शक्ति प्रदान की. हमेशा मेरी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों के साथ ही मैं अपनी वाइफ का भी आभारी हूं जो हर मोड़ पर एक मजबूत चट्टान की तरह मेरे साथ खड़ी रहीं. मेरे कुछ भी कहने से पहले ही वह मुझे समझ जाती हैं.

CJI जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि मैं यहां कोई वादा करने नहीं आया हूं. लेकिन एक बात जरूर कहूंगा कि मैं अपनी क्षमता, ज्ञान और विश्वास के साथ सब कुछ करूंगा. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मेरे पिता ने 1974 जनवरी में शपथ ली थी. मैं उनके शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुआ था. मैंने कभी अपने पिता को जज के रूप में काम करते नहीं देखा था. उन्होंने कहा कि जब उनके पिता का कार्यकाल समाप्त होने वाला था तो यह खबर चारों तरफ फैल गई. मैं उस दिन बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के पास गया. मेरे पिता यहां न्यायाधीश थे. यह पहली बार था, जब मैंने एडवोकेट्स को काले कपड़ों में देखा था. चारों तरफ हलचल हो रही थी. फिर मैं कोर्टरूम में गया और मैंने न्यायाधीश को पहली बार वहां बैठे हुए देखा. कानूनी पेशे के साथ शायद यह मेरा पहला अनुभव था.

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वीएस सिरपुरकर ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित की एक अलग ही शैली है. जब भी उन्होंने बहस की, तो पूरी गंभीरता के साथ की. उनके चेहरे पर मुस्कान नहीं आई. उनके शब्दों का चुनाव बेहद सटीक था.उन्होंने अपनी हर बात बेहद मजबूती के साथ रखी.


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