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CJI चंद्रचूड़ बोले, केस में फैसले के दौरान एक्टिव रहती है प्रेशर ग्रुप

Nilmani Pal
5 Nov 2024 2:21 AM GMT
CJI चंद्रचूड़ बोले, केस में फैसले के दौरान एक्टिव रहती है प्रेशर ग्रुप
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दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ फैसले देना नहीं है. एक कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कुछ प्रेशर ग्रुप हैं जो मीडिया का उपयोग करके अदालतों पर दबाव डालते हैं और अपने अनुकूल फैसले लेने की कोशिश करते हैं.

उन्होंने न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को समझाते हुए कहा, 'परंपरागत रूप से, न्यायिक स्वतंत्रता को कार्यपालिका से स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित किया गया था. न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ अब भी सरकार के हस्तक्षेप से स्वतंत्रता है. लेकिन न्यायिक स्वतंत्रता के संदर्भ में यह एकमात्र चीज नहीं है.'उन्होंने कहा, 'हमारा समाज बदल गया है, विशेष रूप से सोशल मीडिया के आने के बाद. आप ऐसे प्रेशर ग्रुप देखते हैं, जो अनुकूल निर्णय लेने के लिए अदालतों पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं और इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग करते हैं. ये प्रेशर ग्रुप ऐसा माहौल बनाते हैं कि यदि फैसला उनके अनुकूल आए, तभी माना जाएगा कि न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से काम कर रही है. अगर फैसला उनके मन माफिक नहीं आए तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं मानी जाएगी.'

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा, 'इसी बात पर मुझे आपत्ति है. स्वतंत्र होने के लिए, एक न्यायाधीश को यह तय करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुने. और एक जज की अंतरात्मा कानून और संविधान द्वारा निर्देशित होती है, इसमें कोई शक नहीं. जब फैसला सरकार के खिलाफ आता है और चुनावी बांड योजना रद्द कर दी जाती है तो न्यायपालिका बहुत स्वतंत्र होती है, लेकिन अगर फैसला सरकार के पक्ष में जाता है, तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं रह जाती... यह मेरी स्वतंत्रता की परिभाषा नहीं है.'

गणपति पूजा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीजेआई के आवास पर गए तो विपक्ष ने इसे बड़ा तूल दिया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था. उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञों में परिपक्वता होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'पीएम गणपति पूजा के लिए मेरे आवास पर आए. मुझे लगता है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. क्योंकि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच यहां तक ​​कि सामाजिक स्तर पर भी लगातार बैठकें चल रही हैं. हम राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों, गणतंत्र दिवस आदि मौकों पर मिलते हैं. हम प्रधानमंत्री और मंत्रियों के साथ बातचीत करते हैं. इस बातचीत में वे मामले शामिल नहीं होते जिन पर हम निर्णय लेते हैं, बल्कि सामान्य रूप से व्यक्तिगत जीवन और समाज से जुड़े मुद्दे शामिल होते हैं.'


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