अमेरिका। आज के दिन 18 नवंबर को साउथ अमेरिका के जंगलों के बीच एक दिल दहलाने वाली घटना हुई थी. 46 साल पहले 1978 में गुयाना के जंगलों के बीच एक जगह करीब एक हजार लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. ये सब एक चर्चमैन और खुद को करिश्माई मसीहा बताने वाले शख्स के उकसावे पर हुआ था.
18 नवंबर, 1978 को, पीपल्स टेम्पल के संस्थापक जिम जोन्स सैकड़ों अनुयायियों के साथ दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना के एक सुदूर इलाके में अपने कृषि प्रोजेक्ट बनाया था. इस जगह का नाम उसने रखा था जोन्स टाउन. इसी जोन्स टाउन में 900 से ज्यादा लोगों ने सामूहिक रूप से खुदकुशी कर ली थी.
जोन्स के कई अनुयायियों ने स्वेच्छा से जहर मिला हुआ कोई पेय पदार्थ पी लिया था. इनमें से कईयों को बंदूक की नोक पर ऐसा करने के लिए मजबूर भी किया गया था. उस दिन जोन्सटाउन में मरने वालों की अंतिम संख्या 909 थी.इसमें एक तिहाई बच्चे थे. जिम जोन्स एक करिश्माई चर्चमैन थे. जिन्होंने 1950 के दशक में इंडियानापोलिस में एक ईसाई संप्रदाय, पीपल्स टेम्पल की स्थापना की थी. उन्होंने नस्लवाद के खिलाफ प्रचार शुरू किया. इस वजह से उनके साथ कई अफ्रीकी अमेरिकी जुड़ने लगे. इस तरह उनके हजारों अनुयायी बन गए. 1965 में जिम जोन्स अपने अनुयायियों के साथ उत्तरी कैलिफोर्निया चले गए.
1971 के बाद वेलोग कैलिफोर्निया से भी चले गए और सैन फ्रांसिस्को में बस गए. 1970 के दशक में जोन्स पर मीडिया ने वित्तीय धोखाधड़ी, अपने अनुयायियों के शारीरिक शोषण और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. बढ़ती आलोचना के बीच जोन्स ने अपने मण्डली को अपने साथ गुयाना चलने के लिए आमंत्रित किया. उसने वहां एक अलग दुनिया बसाने की बात कही, जो कृषि पर आधारित थी. उसने अपने अनुयायियों से कहा कि वहां दुनिया की भागमभाग हटकर एक सुकून मिलेगा.