#WATCH कोच्चि, केरल: क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सेंट फ्रांसिस असीसी कैथेड्रल चर्च में कैरोल गाया गया। pic.twitter.com/eB4HnsOU7a
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#WATCH अगरतला, त्रिपुरा: क्रिसमस के अवसर पर चर्च को रोशनी से जगमग किया गया है। #ChristmasEve pic.twitter.com/Cx2xV5TkDN
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प्राचीन कथा के अनुसार, मरीयम को एक सपना आया था जिसमें भविष्यवाणी हुई कि उन्हें प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देना है. मरीयम गर्भवती हुईं और गर्भावस्था के दौरान उन्हें बेथलहम जाना पड़ा. रात होने की वजह से उन्हें वहीं रुकने का सोचा, लेकिन उन्हें वहां रुकने के लिए कोई ठीक जगह नहीं मिली. थोड़े समय बाद, उन्हें एक जगह दिखी जहां पशुपालन करने वाले लोग रहते थे. मरीयम ने वहीं रुकने का फैसला किया. अगले दिन, मरीयम ने उसी जगह पर यीशु को जन्म दिया. यह घटना ईसाई धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसे क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है.
इस त्योहार का प्राचीन इतिहास है. "क्रिसमस" शब्द की उत्पत्ति "क्राइस्ट" शब्द से हुई है. दुनिया में पहली बार क्रिसमस का खास त्योहार रोम में 336 ईस्वी में मनाया गया था. उसके बाद से पूरी दुनिया में इस त्योहार की प्रसिद्धि बढ़ती गई और आज अन्य धर्मों के लोग भी इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं.
#WATCH पश्चिम बंगाल: सिलीगुड़ी के लेडी क्वीन कैथोलिक चर्च में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सामूहिक प्रार्थना का आयोजन किया गया। pic.twitter.com/W8MGWc4QxB
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क्रिसमस का त्योहार प्यार, करुणा और एकता का प्रतीक है. यह त्योहार हमें यीशु के संदेश को याद दिलाता है जो प्यार, सहानुभूति और एकता के महत्व पर जोर देता है. क्रिसमस का महत्व (Christmas Importance) क्रिसमस का महत्व ईसाइयों के लिए बहुत अधिक होता है. प्रभु यीशु (Lord Jesus) के जन्म के मौके पर क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है. अब से कुछ दशक पहले तक क्रिसमस विदेशी मनाया करते थे लेकिन अब भारतीयों के लिए भी यह त्योहार अन्य त्योहारों से कम नहीं है.