बयान पर भड़के चिराग पासवान, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को हटाने की मांग की
बिहार। बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर की रामचरित मानस को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने शिक्षामंत्री चंद्रशेखर को हटाने का आह्वान किया है. दरअसल, चंद्रशेखर ने दावा किया था कि रामायण पर आधारित महाकाव्य हिंदू धार्मिक पुस्तक समाज में नफरत फैलाती है. चिराग पासवान ने उनकी टिप्पणी की निंदा की. साथ ही कहा कि जदयू-राजद गठबंधन के भीतर संघर्ष है.
चिराग पासवान ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि वह अपने मंत्री की टिप्पणी से असहमत हैं, तो क्या उनके पास उन्हें पद से हटाने की शक्ति नहीं है? वह जांच क्यों नहीं करा रहे हैं? वहीं, जदयू ने इस विवाद को राजद का आंतरिक मामला बताते हुए खुद को इससे दूर कर लिया है, जबकि राजद ने इस विवाद के पीछे भाजपा की साजिश का आरोप लगाया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि भाजपा इसका इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में फूट डालने के लिए कर रही है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों और ग्रंथों का सम्मान होना चाहिए. लेकिन जैसे ही उन्हीं के पार्टी के नेता और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर विवादित बयान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी एक सोची समझी राजनीतिक साज़िश के तहत कार्य कर रही है. सब जानते हैं यह साज़िश एक-डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू हुई . कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की अफ़वाह फैलाई जा रही थी, कभी राज्यपाल बनाने की, कभी केंद्रीय मंत्री बनाने खबरें बनाई जा रही थी. जैसे मुख्यमंत्री ने भी कई बार बताया कि इन्हीं लोगों द्वारा जदयू को तोड़ने की साज़िश रची जा रही थी.
पटना में नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दावा किया कि तुलसीदास की मनुस्मृति, रामचरित मानस और माधव सदाशिवराव गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने देश में 85% आबादी को पिछड़े रखने की दिशा में काम किया है, हिंदू ग्रंथ रामचरितमानस को मनुस्मृति की तरह जलाया जाना चाहिए, क्योंकि यह समाज में जाति विभाजन को बढ़ावा देता है.