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चीन की खैर नहीं! अरुणाचल में चीन सीमा के पास भारत ने तैनात की L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन, वीडियो देखें

jantaserishta.com
21 Oct 2021 4:41 AM GMT
चीन की खैर नहीं! अरुणाचल में चीन सीमा के पास भारत ने तैनात की L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन, वीडियो देखें
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तवांग: भारत ने अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन तैनात की है. ऊंचे पड़ाही इलाकों में M-777 होवित्जर और स्वीडिश बोफोर्स तोपों के अलावा L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन की तैनाती की गई है.

भारत और चीन के बीच पिछले साल मई के महीने से सीमा पर विवाद चल रहा है. दोनों देशों के बीच अब तक 13 दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि, यह विवाद पूरी तरह से हल नहीं हुआ है. बातचीत के साथ-साथ चीन ने भारत से लगी सीमा में सेना की तैनाती बढ़ाई है. ऐसे में भारत भी रक्षा तैयारियों को मजबूत कर रहा है.


2 महीने पहले हुई तैनाती
सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन को दो महीने पहले तैनात किया गया था. इसे तैनात करने का मकसद पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद चीन के आक्रामक रुख के मद्देनजर भारतीय सेना की समग्र मारक क्षमता को बढ़ाना है. साथ ही आपात स्थिति में भारतीय सेना को कोई परेशानी ना हो.
पूर्वी सेक्टर में भारतीय सेना ने पहले ही बड़ी संख्या में बोफोर्स और होवित्जर तोपों की तैनाती कर रखी है. इन्हें भारत की फायर पावर की रीढ़ माना जाता है. इतना ही नहीं सेना ने चीन संग विवाद के बाद से तैयारियां और तेज कर दी हैं. एकीकृत बचाव वाले इलाकों में सेना की टुकड़ियां दैनिक आधार पर सैन्य अभ्यास और फिजिकल ट्रेनिंग कर रही हैं


सेना का एयर डिफेंस हुआ मजबूत
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि एंटी-एयरक्राफ्ट गन को अरुणाचल प्रदेश में कई प्रमुख स्थानों के अलावा पूरे LAC के साथ अन्य संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया. इनके शामिल होने से सेना का एयर डिफेंस मैकेनिज्म मजबूत हुआ.
आर्मी एयर डिफेंस के कैप्टन सरिया अब्बासी ने बताया कि L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन सभी तरह के मानवरहित वाहनों, मानवरहित जंगी विमानों, हेलिकॉप्टर और आधुनिक विमानों को निशाना बना सकता है.
यह किसी भी मौसम में लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने में सक्षम है. साथ ही टारगेट के जगह बदलने पर गन भी अपना निशाना खुद ही साध लेती है. ये गन टीवी कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा और लेजर रेंज फाइंडर से लैस है. सटीक निशाना लगाने के लिए इनमें मजल वेलोसिटी रडार भी लगा है. गन में फायर कंट्रोल रडार के साथ एकीकृत होने की क्षमता है, इसके चलते इसे कहीं भी आसानी से तैनात किया जा सकता है.
सेना ने कुछ महीने पहले ही M-777 होवित्जर तोपें तैनात की थीं. इन्हें जरूरत के मुताबिक, कभी भी चिनूक हेलिकॉप्टर्स से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है. M-777 आर्टिलरी गन की अधिकतम रेंज 30 किमी है और बीएई सिस्टम्स द्वारा बनाई गई है. सेना को 2018 में यह मिली थी. बोफोर्स घोटाले के बाद से नई आर्टिलरी गन के लिए 30 साल के इंतजार के बाद सेना को ये तोपें मिली थीं.


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