भारत
चीन की साजिश लगातार हो रही नाकाम, अब सीएम ने किया ये खुलासा
jantaserishta.com
13 Dec 2022 11:05 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
ईंट का जवाब लोहा से दे रही है.
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर से सटे बॉर्डर पर भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प की घटना पर प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने ट्वीट किया- भारतीय सेना ईंट का जवाब पत्थर से नहीं... ईंट का जवाब लोहा से दे रही है. उन्होंने लिखा कहा- यांगत्से हमारे विधानसभा क्षेत्र में आता है. हम हर साल वहां जाकर ग्रामीणों और जवानों से मुलाकात करते हैं. यह अब 1962 का समय नहीं रहा. अब अगर कोई हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने की कोशिश करेगा तो हमारे वीर जवान उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे.
9 दिसंबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा पार कर कब्जा करने आए चीनी सैनिकों को न सिर्फ भारतीय जवानों ने पीछे धकेल दिया, बल्कि उन्हें सबक भी सिखाया. सूत्रों के मुताबिक, भारत को पहले से ही चीन द्वारा इस तरह की कार्रवाई की पहले से आशंका थी. ऐसे में भारतीय सेना ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारी कर रखी थी. इसका नतीजा ये हुआ कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को दौड़ा दौड़ा कर खदेड़ा. यहां तक कि कुछ भारतीय जवान चीनी पोस्ट तक पहुंच गए थे.
"Yangtse is under my assembly constituency & every year I meet the Jawans & villagers of the area. It's not 1962 anymore. If anyone tries to transgress, our brave soldiers will give a befitting reply": Arunachal Pradesh CM Pema Khandu pic.twitter.com/5qYxK8TIaA
— ANI (@ANI) December 13, 2022
इससे पहले सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने झड़प को लेकर कहा कि तवांग में 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने एलएसी पर अतिक्रमण करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने चीन का बहादुरी से जवाब दिया. इस दौरान हाथापाई भी हुई और दोनों ओर कुछ सैनिकों को चोटें भी आईं. उन्होंने बताया कि भारतीय सेना के किसी भी जवान की न तो झड़प में मौत हुई और न ही कोई गंभीर जख्मी हुआ.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया, 09 दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. हाथापाई भी हुई. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं, लेकिन मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ.
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