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चीन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब! भारतीय सेना ने सिंधु नदी पर पल भर में बना दिया ब्रिज, सामने आया वीडियो
jantaserishta.com
13 Sep 2022 5:48 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
इंजीनियर्स का कमाल।
नई दिल्ली: भारतीय सेना का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को खुद भारतीय सेना की दक्षिणी पश्चिमी कमान ने ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमें भारतीय जवानों को लद्दाख में सिंधु नदी पर पुल का निर्माण करते देखा जा सकता है. भारतीय सेना की ओर से शेयर किए गए इस वीडियो का शीर्षक 'ब्रिजिंग चैलेंजेज- नो टेरेन नॉर एल्टीट्यूड इनसरमाउटेबल' है. वीडियो में देखा जा सकता है कि पूर्वी लद्दाख में सिंधु नदी पर सप्त शक्ति इंजीनियर्स (Sapt Shakti Engineers) बड़ी मुस्तैदी से इस पुल को तैयार कर रहे हैं.
भारतीय सेना ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में सप्त शक्ति इंजीनियर्स मोबिलिटी से जुड़े काम में जुटी है और प्रशिक्षण भी ले रही है. सिंधु नदी पर पुल बनाने से सैन्य गतिविधियों के लिए सामानों की आवाजाही आसान हो जाएगी.
इस वीडियो में भारतीय जवान लोहे के कुछ भारी हिस्से पानी में डाल रहे हैं और वीडियो के अंत में इन लोहे के हिस्सों से पुल बनकर तैयार होते दिखाया गया है. वीडियो में भारतीय जवानों के टीमवर्क को साफ देखा जा सकता है. जो इस दुर्गम क्षेत्र में पुल के निर्माण का काम पूरा कर लेते हैं. सेना द्वारा तैयार किए गए इस पुल पर बाद में भारी ट्रकों को जाते हुए भी दिखाया गया है.
बता दें कि इससे पहले रविवार को भारतीय सेना के प्रमुख मनोज पांडे लद्दाख सेक्टर के दो दिवसीय दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने भारतीय वायुसेना के अपाचे हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी थी. उन्होंने यहां कई अग्रिम मोर्चों का दौरा किया. इस दौरान अधिकारियों ने सेना प्रमुख को जमीनी स्तर पर कमांडर्स द्वारा ऑपरेशनल तैयारियों के बारे में जानकारी भी दी.
साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन की सेना के बीच हुए गतिरोध के बाद से लद्दाख सेक्टर में अपाचे हेलीकॉप्टर को तैनात किया गया है. फिलहाल भारतीय वायुसेना के पास 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हैं. इन्हें अमेरिका में तैयार किया गया है.
बता दें कि जनरल पांडे का यह दौरा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में भारत और चीन के बीच चल रही खींचतान के बीच था. पूर्वी लद्दाख सीमा पर पांच मई 2020 को पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद गतिरोध शुरू हो गया था. दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और बड़ी संख्या में हथियार भेज दिए थे. सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बीच दोनों देशों ने पिछले साल ही पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर और गोगरा क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी कर ली है. पैंगोंग झील क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट पिछले साल फरवरी में हुआ था, जबकि गोगरा में पेट्रोलिंग बिंदु 17 (A) में सैनिकों की वापसी पिछले साल अगस्त में हुई थी.
'Bridging Challenges - No Terrain nor Altitude Insurmoutable'#SaptaShaktiEngineers in #EasternLadakh carrying out mobility tasks and training. Bridging the mighty #Indus River, enabling movement of both combat and logistic echelons.#SarvadaAgraniBde#IndianArmy@adgpi pic.twitter.com/7JxiNmhVlm
— SouthWesternCommand_IA (@SWComd_IA) September 11, 2022
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