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अलवर। पब्जी और फ्री-फायर जैसे ऑनलाइन गेम्स की लत कितनी खतरनाक है इसका तरो ताजा उदाहरण राजस्थान के अलवर जिले में देखने को मिला है। 14 साल के बच्चे पर ऑनलाइन गेम्स का ऐसा भूत सवार हुआ कि उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। वह नींद में भी फायर-फायर चिल्लाता रहा है। बच्चे की आंखें घूम गईं और हाथ-पैर भी हिलने लग गए।
#WATCH | Rajasthan | Case study of a child in Alwar who is suffering from severe tremors after being addicted to online gaming.Special Teacher Bhavani Sharma says, "A child has come to our special school. As per our assessment and the statements of his relatives, he is a victim… pic.twitter.com/puviFlEW6f
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 12, 2023
इतना ही नहीं, बच्चे पर ऑनलाइन गेम्स का इस कदर असर पड़ा कि उसे घर से भागने की लत ने भी जकड़ लिया। बच्चा कई बार घर छोड़कर कभी रेवाड़ी तो कभी बांदीकुई तक भाग जाता है। ऐसे में परिजन अपने ही बच्चे को बंधक बनाने को मजबूर हो गए। परिजनों ने बच्चे का काफी इलाज कराया। लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। आज हालात ऐसे बन गए है कि बच्चे को अलवर के बौद्धिक दिव्यांग आवासीय विद्यालय में भर्ती कराया गया है।
दरअससल, ऑनलाइन गेम की लत के कारण बच्चे का मानसिक संतुलन बिगड़ने का ये मामला अलवर शहर के मूंगस्का का है। परिजनों ने सात महीने पहले एंड्रायड फोन लिया। तभी ये कक्षा 7वीं में पढ़ने वाले 14 साल के बच्चे को मोबाइल देखने का चस्का लग गया। इस दौरान बच्चे को पब्जी और फ्री-फायर जैसे ऑनलाइन गेम्स की लत लग गई। वह कभी दिन तो कभी रात में मोबाइल देखता रहता। पता चलने पर परिजन मोबाइल ले लेते। लेकिन, तीन महीने के अंदर ही बच्चे की तबीयत खराब होने लगी।
होली के बाद बच्चे के दोनों आंखें घूम गई और हाथ-पैर भी हिलने लग गए। कई जगह इलाज कराया, लेकिन जब फायदा नहीं हुआ तो जयपुर लेकर गए। इस दौरान बच्चे को एक और नई बीमारी ने जकड़ लिया। वह कभी भी घर छोड़कर भाग जाता। जिसके कारण 2 महीने तक बच्चे को घर में बेल से बांधकर रखना पड़ा। अभी अलवर के बौद्धिक दिव्यांग आवासीय विद्यालय में भर्ती कराया गया है। लेकिन, बच्चे की इस बीमारी से परिजन काफी घबराए हुए हैं।
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