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बच्चों को मिलेगी इंटरनेशनल लेवल की एजुकेशन, इस सरकार ने लिया बड़ा फैसला

jantaserishta.com
11 Aug 2021 11:18 AM GMT
बच्चों को मिलेगी इंटरनेशनल लेवल की एजुकेशन, इस सरकार ने लिया बड़ा फैसला
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दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) के साथ इंटरनेशनल शिक्षा बोर्ड (International Education Board) का बुधवार को समझौता (Agreement) हुआ है. इस करार के बाद अब विदेशों से एक्सपर्ट्स दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आएंगे और ट्रेनिंग देंगे. इससे छात्र-छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिल सकेगी. इस बात की जानकारी देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्लीवासियों के लिए बेहद खुशी की बात है. अब हमारे बच्चों को दिल्ली में इंटरनेशनल लेवल की शिक्षा मिलेगी.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ''एक इंटरनेशनल लेवल पर शिक्षा बोर्ड है, जोकि अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान करता है और बहुत अच्छा माना जाता है. छात्रों का सपना रहता है कि हमें भी इंटरनेशनल एजुकेशन बोर्ड की शिक्षा मिलनी चाहिए. पूरी दुनिया के अंदर साढ़े पांच हजार स्कूलों के साथ समझौते हैं, जोकि 159 स्कूलों के साथ काम करते हैं. कुछ सरकारों के साथ भी समझौते हैं. जैसे- अमेरिका, जापान, साउथ कोरिया आदि.''
उन्होंने आगे कहा कि आज खुशी की बात है कि दिल्ली शिक्षा बोर्ड और इंटरनेशनल शिक्षा बोर्ड के बीच समझौता हुआ है. इसका मतलब यह है कि जो भी दिल्ली के अंतर्गत स्कूल आएंगे, वहां पढ़ने वाले बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिलेगी. यह बहुत बड़ी बात है. इन स्कूलों में डीबीएसई से एफिलेटेड होने वाले प्राइवेट स्कूल भी शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ''हमारे देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली है. एक अमीरों के बच्चों के लिए और दूसरी गरीबों के बच्चों के लिए. जिनके पास पैसा है, वे अपने बच्चों को प्राइवेट और जिनके पास नहीं है, वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं. आज इस करार के बाद, दिल्ली के गरीब बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिलेगी. जिस शिक्षा के लिए बड़े-बड़े अमीरों के बच्चे तरसते हैं, वैसी शिक्षा गरीबों के बच्चों को मिलेगी.''
समझौते पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि विदेशों से एक्सपर्ट आएंगे, जोकि स्कूलों के टीचर्स की ट्रेनिंग करवाएंगे. बच्चों का असेसमेंट कैसे होगा, यह इंटरनेशनल बोर्ड तय करेगा. एक्सपर्ट बताएंगे कि स्कूलों में क्या-क्या कमियां हैं और उन्हें कैसे दूर किया जाए, जिससे स्कूल अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन सके.


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