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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने से रोकने की मांग पर सुनवाई की. शीर्ष अदालत ने फेसबुक, ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनियों को 6 हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की इन कंपनियों को ये भी बताने के लिए कहा कि उन्होंने चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म पर रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं. इस मामले में सभी कंपनियां विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करेंगी.
बीते साल नंबर में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े मामले में सीबीआई ने देश के 14 राज्यों में 77 ठिकानों पर रेड की थी, इसमें यूपी के जालौन, मऊ से लेकर नोएडा और गाजियाबाद जैसे बड़े शहर भी शामिल थे. इस दौरान सीबीआई ने अलग-अलग शहरों से 7 लोगों को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई की रडार पर 50 से ज्यादा वाट्सएप ग्रुप थे, जिनमें 5000 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आए थे, जो इस केस से जुड़ी सामग्री सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे थे.
यही कारण है कि schoolgirls, teens और desi girls जैसे टॉप सर्च कीवर्ड्स हैं. इन सबसे चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (CSAM) को बढ़ावा मिल रहा है. साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्स्ट के एनालिसिस के मुताबिक, देश में 35-40 प्रतिशत कंटेंट रोजाना डाउनलोड किया जाता है, जो हजारों टेराबाइट्स में होगी.
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