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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्‍फ बोर्ड को लेकर सख्‍त रुख अपनाया, दी चेतावनी

jantaserishta.com
8 Jan 2025 12:25 PM GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्‍फ बोर्ड को लेकर सख्‍त रुख अपनाया, दी चेतावनी
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फाइल फोटो

लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार वक्फ के नाम पर 'कब्जा' की गई एक-एक इंच जमीन को वापस लेगी. वक्फ बोर्ड पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह बताना मुश्किल है कि यह वक्फ बोर्ड है या भू-माफियाओं का बोर्ड है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन किया है और सभी 'कब्जे वाली' जमीन की सक्रिय रूप से जांच कर रही है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हम वक्फ के नाम पर ली गई हर इंच जमीन को वापस लेंगे और इसका इस्तेमाल गरीबों के लिए आवास, शैक्षणिक संस्थान और अस्पताल बनाने में किया जाएगा."
वहीं, सनातन धर्म की प्राचीन विरासत पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कुंभ की परंपरा वक्फ संस्था से बहुत पुरानी है. उन्होंने कहा, "सनातन धर्म का कद आसमान से भी ऊंचा है और इसकी गहराई समुद्र से भी ज्यादा है. इसकी तुलना किसी संप्रदाय या धर्म से नहीं की जा सकती."
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके नेताओं की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वे (समाजवादी नेता) डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों को कायम रखने में विफल रहे. उन्होंने याद दिलाया कि डॉ. लोहिया ने एक बार कहा था, "यदि आप भारत को समझना चाहते हैं, तो राम, कृष्ण और शिव की परंपराओं का अध्ययन करें. जो लोग लोहिया के आदर्शों पर चलने का दावा करते हैं, उन्होंने कभी उनके शब्दों को सही मायने में नहीं समझा."
संभल में धार्मिक स्थलों पर उपजे विवाद पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पुराणों में संभल को भगवान श्री हरि विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का जन्मस्थान बताया गया है. उन्होंने धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाकर उन पर अतिक्रमण करने के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा- "हमारी सरकार ने न्यायालय के आदेश के आधार पर निर्णायक कार्रवाई की और दंगाइयों को स्पष्ट संदेश दिया."
यूपी के मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि विभाजन हमेशा कमजोरी की ओर ले जाता है, एकता हमें अजेय बनाती है. इसलिए 'बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे' का नारा दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- "हमें हजारों साल पुरानी विरासत मिली है, जिसमें सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम भी उतने ही पुराने हैं. सनातन की परंपरा आसमान से भी ऊंची है और तुलना से परे है."
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