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पीएम की समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का पलटवार, बोले- केंद्र का महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार
jantaserishta.com
27 April 2022 11:49 AM GMT
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्यूल पर वैट में कटौती की अपील पर गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गईं हैं. सबसे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पीएम के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उद्धव ने आंकड़े पेश किए और केंद्र सरकार पर महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने भी पीएम मोदी पर हमला बोला.
सीएम ठाकरे ने मुंबई में आज (बुधवार) के डीजल-पेट्रोल के भाव बताए और उनसे केंद्र और राज्य को मिलने वाले टैक्स की भी जानकारी दी. उद्धव ने कहा कि आज के रेट के हिसाब से मुंबई में एक लीटर डीजल पर केंद्र सरकार के लिए 24.38 प्रतिशत और राज्य के लिए 22.37 रुपए प्रति लीटर टैक्स है. इसी तरह पेट्रोल की कीमत में 31.58 रुपए केंद्र सरकार का टैक्स और 32.55 रुपए राज्य सरकार टैक्स है. इसलिए यह सच नहीं है कि राज्य की वजह से पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्टीकरण के लिए कुछ आंकड़े पेश किए. इसमें बताया कि महाराष्ट्र को कुल केंद्रीय कर का 5.5 प्रतिशत मिलता है. कुल प्रत्यक्ष कर (direct tax) में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 38.3 प्रतिशत है. महाराष्ट्र देश में सबसे ज्यादा 15% जीएसटी एकत्र करता है. प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है. इसके बावजूद राज्य पर अभी भी करीब 26,500 करोड़ रुपए का जीएसटी बकाया है.
ममता सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी का बयान सामने आया है. पार्थ ने कहा कि PM ओछी राजनीति कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार फरवरी 2021 से पेट्रोल और डीजल दोनों पर लगातार 1 रुपए प्रति लीटर की छूट दे रहा है. जिसकी वजह से ममता सरकार को करीब 1,500 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई है. मगर प्रधानमंत्री ने आज आंकड़े बताने की बजाय ओछी राजनीति के ऑप्शन को चुना.
झारखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वे भी प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल थे. गुप्ता ने कहा कि वाकई केंद्र को चिंता है तो इन कमोडिटी को वो GST के दायरे में क्यों नहीं ले आती? गुप्ता ने कहा कि कई बार हाथ उठाने के बावजूद उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. साफ मानना है कि रेवन्यू जेनेरेशन का झारखंड जैसे राज्यों में कोई तरीका नहीं है. लिहाजा वैट कम करना जरा मुश्किल है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना की समीक्षा बैठक में फ्यूल के रेट में लगातार बढ़ोत्तरी का जिक्र आने पर जवाब दिया. मोदी ने कुछ राज्यों का नाम लेकर कहा कि उन्होंने वैट नहीं घटाया, जिसकी वजह से उन राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम उनके पड़ोसी राज्यों की तुलना में ज्यादा हैं. जिन राज्यों का पीएम ने नाम लिया, उनमें कोई भी बीजेपी शासित नहीं है.
पीएम ने कहा कि पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी और राज्यों से वैट कम करने को कहा था. लेकिन कई राज्यों ने ऐसा नहीं किया. मोदी ने आगे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु का नाम लेकर कहा कि इन्होंने किसी न किसी वजह से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना- मतलब वैट नहीं घटाया, जिसकी सीधा बोझ आम लोगों पर पड़ता रहा.
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