बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना बजट पेश किया। विधानसभा में बजट पेश होने के बाद राज्य सरकार विवादों में घिर गई है। बजट के बाद विधानसभा में ही विपक्षी विधायकों द्वारा इस बजट का विरोध किया जाने लगा और इस बजट को कांग्रेस के तुष्टीकरण वाला बजट बताया जा रहा है।
#WATCH बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य का बजट 2024 पेश किया। pic.twitter.com/vH2fc2FuNj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 16, 2024
अल्पसंख्यक समुदायों खासकर मुस्लिम और ईसाइयों के लिए इस बजट में बड़ी संख्या में घोषणाएं की गई हैं। कर्नाटक विधानसभा में बजट के दौरान विपक्षी दलों ने कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया।
Karnataka Chief Minister Siddaramaiah presents his 15th Budget amidst high expectations
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हैरान करने वाली बात यह है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अपने बजट में वक्फ संपत्ति और ईसाई समुदाय के लिए 330 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जबकि, कर्नाटक एक ऐसा राज्य है, जहां मुजराई (हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती) विभाग द्वारा नियंत्रित 'ए और बी' यानी की बड़े और छोटे श्रेणी के 400 के करीब मंदिरों से हिंदू भक्तों द्वारा दिया जाने वाला सालाना औसतन दान 450 करोड़ रुपये सरकार के खजाने में जाता है।
Bengaluru | BJP MLAs hold protest at Vidhan Soudha over the Karnataka budget 2024. BJP MLAs walked out of the state Assembly during the budget presentation. pic.twitter.com/Zwcq0ntq4y
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ऐसे में चौंकाने वाली बात है कि कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार हिंदू मंदिरों को राज्य के नियंत्रण से मुक्त करने वाले किसी भी विधेयक का विरोध करते आई है। इसके साथ ही हिंदू मंदिरों से हर साल इतना धन सरकार के खजाने में जाने के बाद भी सरकार की तरफ से बजट में इन मंदिरों के विकास या अन्य के लिए राशि का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।