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मुख्यमंत्री ने CAA कानून लागू करने से किया इंकार, बताई ये वजह

Shantanu Roy
14 March 2024 1:16 PM GMT
मुख्यमंत्री ने CAA कानून लागू करने से किया इंकार, बताई ये वजह
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केंद्र सरकार ने जारी कर दिया था नोटिफिकेशन
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर मोदी सरकार नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। देशभर में इस नए कानून को लागू किया जा चुका है लेकिन, सीएए को लेकर देश के भीतर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के बाद केरल राज्य में भी इस कानून के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। 14 मार्च को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घोषणा की कि "केरल में नागरिकता अधिनियम (सीएए) लागू नहीं किया जाएगा।" इससे पहले दिन में केंद्र द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को अधिसूचित करने के कुछ दिनों बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इसके साथ कभी समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा, "हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है।
हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे और सीएए कभी वापस नहीं लिया जाएगा।" एक तरफ मोदी सरकार सीएए कानून को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है, दूसरी तरफ देश के भीतर इसे लेकर विरोध तेज हो गया है। पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ऐलान किया था कि वे हर हाल में सीएए लागू नहीं होने देंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस कानून को देश के संविधान की मूल भावना के विपरीत बताया। ममता ने कहा कि इस कानून को लागू करके सरकार लोगों को संप्रदाय के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है। ममता ने दो टूक शब्दों में कहा कि वे जब तक जीवित हैं, किसी भी कीमत पर राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगे।
अब केरल में भी विजयन सरकार ने सीएए के खिलाफ अपने तेवर सख्त कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को ऐलान किया कि वे राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगे। इससे पहले जब सोमवार को सरकार ने इस कानून पर नोटिफिकेशन जारी किया था। विजयन ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करके भाजपा सरकार का उद्देश्य 'लोगों को विभाजित करना, सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काना और बुनियादी सिद्धांतों को कमजोर करना' है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करता है। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 के बाद भारत आए अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता दी जाएगी। सोमवार को जब सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया, तत्काल ही एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जिसमें इस कानून के पात्र लोग नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
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