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आपदा प्रभावित परिवारों को मुख्यमंत्री ने प्रदान की 11.31 करोड़ की राहत राशि

सोलन। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भूस्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए ‘पुनर्वास’ कार्यक्रम के तहत ठोडो ग्राऊंड में वीरवार को सोलन जिले में आपदा प्रभावित परिवारों को 11.31 करोड़ रुपए से अधिक की राहत राशि प्रदान की, जिनमें 377 परिवारों को मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर पहली किस्त के रूप में 3-3 लाख रुपए जारी किए। जिला सोलन के आपदा प्रभावितों को अब तक 42.53 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की जा चुकी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला सोलन में आपदा के कारण 8700 परिवार प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में 377 घर पूरी तरह से तबाह हुए, जबकि लगभग 500 घरों को आंशिक रूप से नुक्सान पहुंचा। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपए के मुआवजे को बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया गया है। इसके अतिरिक्त बिजली-पानी का कनैक्शन राज्य सरकार फ्री प्रदान कर रही है और घर निर्माण के लिए सीमैंट भी सरकारी दरों पर 280 रुपए प्रति बैग की दर से दिया जा रहा है।
इसके अलावा कच्चे व पक्के मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में हर प्रभावित के दर्द में भागीदार है और प्रत्येक प्रभावित परिवार को उचित सहायता प्रदान कर रही है। सीएम ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने युवाओं के लिए स्टार्टअप योजना लाने का वायदा किया था, जिसे पूरा कर दिया है। 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है, जिसके तहत अब 200 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस योजना का दूसरा व तीसरा चरण भी शुरू किया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर पर प्राप्त होंगे। राज्य सरकार ई-टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सबसिडी भी प्रदान कर रही है तथा उनकी निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी। सीएम ने कहा कि पिछली सरकार की गलतियों के कारण शिक्षा का स्तर गिरा लेकिन अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य सरकार सभी सरकारी स्कूलों में बड़ा परिवर्तन करने जा रही है ताकि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ सके। सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी शुरू की जाएगी। विद्यार्थियों को स्मार्ट यूनिफाॅर्म प्रदान की जाएगी तथा बेहतर प्रबंधन के लिए स्कूलों का कलस्टर बनाया जाएगा।
