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दिल्ली में मणिपुर के मुख्यमंत्री, जानें यात्रा क्यों है अहम?

jantaserishta.com
25 Jun 2023 11:47 AM GMT
दिल्ली में मणिपुर के मुख्यमंत्री, जानें यात्रा क्यों है अहम?
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फाइल फोटो

इंफाल (आईएएनएस) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद रविवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह दिल्ली पहुंचे। मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने कहा कि सिंह दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और अन्य केंद्रीय नेताओं से मिलेंगे और मणिपुर की ताजा स्थिति पर चर्चा करेंगे।
दिल्ली में शनिवार की सर्वदलीय बैठक में, शाह ने कथित तौर पर राजनीतिक नेताओं से कहा कि सरकार राजनीतिक दलों द्वारा प्रस्तुत सुझावों के आधार पर कदम उठाएगी। मणिपुर में 3 मई को जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं के साथ बैठक करने के लिए मुख्यमंत्री की यह दूसरी दिल्ली यात्रा है। सीएम बीरेन सिंह 14 मई को मणिपुर के बिजली, वन और कृषि मंत्री बिस्वजीत सिंह और राज्य भाजपा अध्यक्ष अधिकारीमयुम शारदा देवी के साथ दिल्ली का दौरा किया था और केंद्रीय गृह मंत्री और अन्य केंद्रीय नेताओं के साथ कई बैठकें की थीं।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कुछ राजनीतिक दल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं, जबकि कुकी आदिवासी समुदाय के लोग सिंह को मुख्‍यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। मेइती समुदाय से संबंधित विभिन्न संगठन कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने कथित तौर पर केंद्र और राज्य सरकारों के साथ 22 अगस्त 2008 को हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय निलंबन समझौते (एसओओ) के मूल नियमों का उल्लंघन किया था।
मेइती समुदाय से संबंधित कई नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) और विभिन्न राजनीतिक दलों ने दावा किया है कि राज्य सरकार द्वारा नशीली दवाओं के खतरे, म्यांमार से तस्करी और घुसपैठ, अवैध अफीम की खेती के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के बाद कुकी संगठन नाराज हैं और आंदोलन कर रहे हैं। पिछले सप्‍ताह मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि सीमा पार से घुसपैठियों और उग्रवादियों के कारण राज्य में अशांति है और यह दो समुदायों के बीच की दुश्मनी नहीं है।
मणिपुर की म्यांमार के साथ लगभग 400 किमी लंबी बिना बाड़ वाली सीमा है। मणिपुर में 3 मई को भड़की जातीय हिंसा में अब तक 120 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और विभिन्न समुदायों के 400 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इसके अलावा कई निजी और सरकारी संपत्तियों, घरों और वाहनों को भी नष्ट कर दिया गया है।
हिंसा के दौरान उग्रवादियों, उपद्रवियों और भीड़ ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों और सुरक्षा चौकियों से हजारों हथियार और लाखों गोला-बारूद लूट लिया। संयुक्त सुरक्षा बलों ने अब तक लूटे गए 1,100 हथियार, विभिन्न गोला-बारूद के 13,702 टुकड़े बरामद किए हैं।
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