भारत
तमिलनाडु के सीएम बोले- एक भाषा, एक धर्म और एक संस्कृति थोपना संभव नहीं, बीजेपी को लेकर कही यह बात
jantaserishta.com
31 July 2022 9:20 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि भारत पर एक भाषा, एक धर्म और एक संस्कृति थोपना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग एक भाषा और एक धर्म को बढ़ावा देने वाले हमारी एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और वे भारत और भारतीयों के दुश्मन हैं। इस दौरान स्टालिन ने डीएमके के सदस्यों सहित 27 सांसदों को निलंबित करने की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि भारतीय लोकतंत्र की ऐसी स्थिति है।
दरअसल, केरल के त्रिशूर में आयोजित एक कॉन्क्लेव को चेन्नई से वर्चुअली संबोधित करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने 27 सांसदों के हालिया निलंबन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। स्टालिन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा अपने राज्यपालों के माध्यम से समानांतर सरकारें चलाने की कोशिश कर रही है। स्टालिन ने कहा कि इस प्रकार की सोच और नीतियां जनविरोधी हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक भाषा, एक धर्म और एक संस्कृति को थोपने वाले भारत की एकता के दुश्मन हैं। एकरूपता से आप कभी एकता को हासिल नहीं कर सकते। इसके अलावा उन्होंने अन्य कई मुद्दों को भी उठाया। स्टालिन ने कहा कि भारत को मजबूत बनाने के लिए संघवाद, राज्य स्वायत्तता, धर्मनिरपेक्षता, समानता, बंधुत्व, समाजवाद और सामाजिक न्याय की अवधारणाओं को और मजबूत किया जाना चाहिए। भारत को मजबूत, समृद्ध राज्यों से लाभ होगा। मजबूत, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य भारत की ताकत हैं, इसकी कमजोरी नहीं।
केंद्र सरकार पर संघवाद के सिद्धांत का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए स्टालिन ने कहा कि भारत को अखंड बनाने के प्रयासों को स्वीकार किया जाना चाहिए। इसके लिए सभी को आगे आना होगा। सीएम ने कहा कि यह आज भारतीय लोकतंत्र की स्थिति है कि बोलने के अधिकार से सांसदों को स्वयं वंचित किया जाता है। डीएमके के सदस्यों सहित 27 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। संसद में भी बोलने का कोई अधिकार नहीं है, जो कि राय व्यक्त करने का एक मंच है।
इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन की भी प्रशंसा करते हुए स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु में डीएमके और सीपीआईएम के बीच गठबंधन वैचारिक था ना कि सिर्फ चुनावी गठजोड़। इसके साथ ही स्टालिन ने पत्रकारों की गिरफ्तारी को निरंकुश व्यवहार करार दिया और आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां विपक्षी नेताओं को टारगेट कर रही हैं।
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