मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया ट्वीट - यह आदिवासी का बेटा है, इन लोगों से नहीं डरेगा
रांची। झारखंड में इन दिनों सियासत में उथल-पुथल मची हुई है. खनन पट्टे के मामले में चुनाव आयोग ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट झारखंड के राज्यपाल को भेज दी है. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत को विधायक पद के लिए अयोग्य ठहराया है. यानी उनकी विधायकी रद्द करने की सिफारिश की है. इसी बीच सीएम हेमंत सोरेन ने भी अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह आदिवासी का बेटा है. इनकी चाल से हमारा रास्ता न कभी रुका है, न हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर-भय को निकाल दिया था. हम आदिवासियों के DNA में डर और भय के लिए कोई जगह ही नहीं है. साथ ही सीएम सोरेन ने कहा कि "शैतानी ताकतें" लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं. लेकिन वह अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे.
लातेहार में एक सरकारी समारोह में सोरेन ने कहा कि वह चिंतित नहीं हैं, क्योंकि उन्हें राज्य पर शासन करने का जनादेश लोगों ने दिया है न कि उनके विरोधियों ने. उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रहे हैं, वह राजनीतिक रूप से हमारे साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं हैं. वे हमारी सरकार को अस्थिर करने के लिए ED, CBI, लोकपाल और Income Tax का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन हम इससे कतई चिंतित नहीं हैं.
सीएम सोरेन कार्यक्रम में बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 'केंद्र से राज्य का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया क्या मांगा, इन्होंने परेशान करने के लिए एजेंसियों को मेरे पीछे लगा दिया. जब इन्होंने देखा कि मुझे कुछ कर नहीं पा रहे हैं तो आदरणीय गुरुजी (शिबू सोरेन) जो एक उम्र के पड़ाव पर खड़े हैं, उन्हें परेशान कर मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के अंदर बाहरी ताकतों का गिरोह सक्रिय है. इस गिरोह ने विगत 20 वर्षों से राज्य को तहस-नहस करने का संकल्प लिया था. जब उन्हें 2019 में उखाड़ कर फेंका गया, तो उन षड्यंत्रकारियों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि अगर हम यहां टिक गए तो उनका आने वाला समय मुश्किल भरा होने वाला है. हमारे विरोधी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं. लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है.
राजभवन के सूत्रों के मुताबित हेमंत सोरेन की अयोग्यता पर राज्यपाल चुनाव आयोग की राय पर फैसला ले सकते हैं. उससे पहले ही सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा अन्य विकल्प की तलाश में लगा है. लिहाजा शुक्रवार को हेमंत सोरेन ने झारखंड में यूपीए के सभी विधायकों की बैठक ली. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन के साथ चर्चा हुई. दरअसल, चुनाव आयोग ने झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोपों पर अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेजी थी, जिसमें EC ने हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की भी सिफारिश की है.