झारखण्ड। मुख्यमंत्री के खनन लीज मामले को लेकर चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसला कभी भी आ सकता है। संभावित फैसले पर पक्ष और विपक्ष सबकी निगाहें हैं। लिहाजा, सूबे में सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है। यूपीए महागठबंधन के दल अपने विधायकों को एकजुट रखने की हर संभव कोशिश में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को सत्तारूढ़ दलों के विधायकों की बैठक बुलायी है।
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बैठक को लेकर रणनीति का खुलासा तो नहीं किया लेकिन कहा कि बैठक सुखाड़ को लेकर बुलाई गई है। दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि पूरी स्थिति पर पार्टी की नजर है लेकिन इसपर वे अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। हालांकि झामुमो की राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने कहा कि बैठक विधायकों को एकजुट रखने को लेकर हो रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि महागठबंधन के सभी विधायक एकजुट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निलंबित तीनों विधायक भी अपने हैं।
महागठबंधन के सभी दल आसन्न हालात को लेकर सतर्क हैं। चुनाव आयोग का फैसला यदि सरकार के प्रतिकूल आता है तो उससे उत्पन्न होने वाले हालात से कैसे निपटना होगा, इसे लेकर बैठक में चर्चा होगी। इसलिए सभी विधायकों को राज्य में बने रहने के लिए पहले ही हिदायतें दी जा चुकी हैं। शनिवार की बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। दलों के सांसदों के भी बैठक में शामिल होने की संभावना है।
कांग्रेस के तीन विधायकों की गिरफ्तारी के बाद से सत्तारुढ़ झामुमो-कांग्रेस और चौकस हो चुके हैं। सत्तारुढ़ दलों की एकजुटता में विपक्षी भाजपा किसी तरह सेंधमारी नहीं कर पाए, इस पर विशेष नजर रहेगी। झामुमो और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं के सामने यह चुनौती है कि विपक्ष की हर राजनीतिक चाल को नाकाम करते हुए अपने विधाय़कों को एकजुट रखें। सीएम सोरेन की विधायकी पर प्रतिकूल निर्णय की स्थिति में सरकार की रणनीति क्या होगी, कैसे इस परिस्थिति से निपटा जायेगा, सभी पहलुओं पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि ऐसी तमाम परिस्थितियों में एकजुटता के साथ मजबूती से मुकाबला करने की रणनीति बनेगी। इसके लिये सत्तारूढ़ विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में उनके आवास पर 11 बजे से निर्धारित है। इसमें सत्तारूढ़ दल के सभी विधायकों को मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। झामुमो नेता ने अधिकारिक रूप से कहा है कि यूपीए की बैठक सुखाड़ से निपटने के लिये बुलाई गई है।