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3 दिन के चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की होंगी महती भूमिका

Shantanu Roy
11 May 2022 2:16 PM GMT
Chief Minister Bhupesh Baghel will play an important role in the 3-day contemplation camp
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बड़ी खबर

प्रबंध संपादक पप्पू फरिश्ता

नई दिल्ली/उदयपुर। इस वक़्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 12 मई को दिल्ली दौरा करने के बाद जयपुर से उदयपुर भी जाएंगे। जहां पर कांग्रेस का चिंतन शिविर का आयोजन होने वाला है। ज्ञात रहे कि सीएम भूपेश बघेल ने इसी चिंतन शिविर को छत्तीसगढ़ में रखने के लिए आलाकमान से मांग रखी थी। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत के प्रस्ताव को स्वीकार कर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया था।


कांग्रेस के एक वरिष्ठ केंद्रीय नेता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जमकर तारीफ़ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने भाजपा को निरुत्तर कर दिया है और ऐसी ही उनकी कार्यप्रणाली रही तो वो दिन दूर नहीं कि हर आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़ राज्य की जनता भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी को बार-बार सत्ता में लाएगी। इस लिए भूपेश बघेल सफलतम राजनितिक शैली को कांग्रेस पार्टी को राष्ट्र स्तर पर अपनाना चाहिए और उनकी सलाह पर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी को क्रियान्वयन करना चाहिए।

अब सीएम भूपेश बघेल को कई प्रकार के राजनितिक प्रस्ताव और कांग्रेस पार्टी के सुचारु रूप से नीति निर्धारण हेतु प्रस्ताव बनाने और प्रस्तावक बनने के कई महत्वपूर्ण जिम्मेदार और पार्टी प्रमुख की ओर से सीएम बघेल को दिए गए। जिसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 3 दिन लगातार पार्टी के द्वारा दी गई महती जिम्मेदारी को निभायेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम भूपेश बघेल चिंतन शिविर में गांधी परिवार के सबसे बड़े सिपसलाहकार बनकर उभरेंगे। सूत्रों के मुताबिक सीएम बघेल की कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी और निष्ठा को देखते हुए कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव तक सीएम बघेल की जिम्मेदारी और जवाबदारी और बढ़ाए जाने की संभावना है।


कांग्रेस पार्टी राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर करने जा रही है। कांग्रेस आलाकमान ने 13 से 15 मई तक उदयपुर में तीन दिन का नव संकल्प चिंतन शिविर करने का फैसला किया है। इस शिविर में कुछ अहम बातें भी तय होनी हैं, जिसमें एक परिवार को चुनाव के लिए एक ही टिकट दिए जाने का फॉर्मूला भी है।

सोनिया गांधी ने उदयपुर में 13-15 मई तक होने वाले चिंतन शिविर को संभालने वाली टीम को सावधानी से चुना है। सम्मेलन में भाग लेने वाले 400 प्रतिनिधियों में असंतुष्ट जी-23 के कुछ सदस्यों को शामिल करने पर विचार किया गया है। उनमें से कुछ को महत्वपूर्ण भूमिकाएँ भी सौंपी गई हैं, जैसे भूपिंदर हुड्डा जो कृषि पर समिति का नेतृत्व करेंगे। हालांकि ध्यान देने की बात ये भी है कि चिंतन शिविर की अहम जिम्मेदारी राहुल गांधी के वफादार लोगों के हाथों में है।






















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