मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को बताया रीढ़ की हड्डी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब तीन साल के शासन के बाद भी राज्य सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. गहलोत ने इसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा किए गये कार्यों के कारण है, चाहे वह कोरोना प्रबंधन हो या पिछले तीन वर्षों में लोक कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को राहत प्रदान करना हो मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन में राजस्थान में कोरोना का प्रबंधन बहुत 'शानदार' हुआ है और पैकेज भी शानदार दिया गया है.
गहलोत ने कांग्रेस के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता जो काम कर सकते हैं या संदेश दे सकते हैं, वह विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा, ''बिना कार्यकर्ताओं के कोई पार्टी चल नहीं सकती है. पार्टी की रीढ़ की हड्डी कोई है तो वे कार्यकर्ता ही हैं. उन्होंने कहा, "पार्टी आज जिस दौर से गुजर रही है... इसे देखते हुए हम सबका कर्तव्य है कि हम संकट की इस घड़ी में पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हों. "मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से ब्लॉक स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का आहृवान किया.
भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को आड़े हाथों लेते हुए गहलोत ने कहा कि वे हमेशा यह सोचकर कांग्रेस आलाकमान को निशाना बनाते हैं कि इससे पार्टी का पतन हो जायेगा. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता और नेता पदों के पीछे नहीं भागें. उन्होंने कहा कि एक नेता की अहमियत तब होती है जब वह पार्टी और अपने क्षेत्र के लोगों के लिये काम करता है. तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में पार्टी कार्यकर्ताओं को विभिन्न सत्रों में पार्टी के सिद्धातों और कार्यक्रमों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा और इसका समापन 28 दिसंबर को होगा. जयपुर के पास शिवदासपुरा के पद्मपुरा में आयोजित शिविर में राज्यभर से लगभग 350 कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं.