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भारत के मुख्य न्यायाधीश मुस्कुराने लगे, जानें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा ऐसा?
jantaserishta.com
15 Aug 2023 12:29 PM GMT
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की तारीफ की. इस दौरान समारोह में मौजूद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की सराहना करते हुए क्षेत्रीय भाषाओं में अदालती फैसलों को उपलब्ध कराने की मुहिम का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी ने कहा कि बच्चे मातृभाषा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पढ़ सके. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं. दरअसल कोर्ट ने कहा था कि अब फैसले का ऑपरेटिव पार्ट उस क्षेत्र की क्षेत्रीय भाषा में होगा. भारतीय गणतंत्र की 73वीं वर्षगांठ पर एक हजार से ज्यादा फैसलों का अनुवाद अपलोड किए जाने से हुई नई शुरुआत अब काफी आगे बढ़ चुकी है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुआई और देखरेख में ये काम तेज रफ्तार से हो रहा है. इसी साल जनवरी में गणतंत्र दिवस और अपने स्थापना दिवस को और यादगार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को 1000 से ज्यादा फैसलों का दस भाषाओं में अनुवाद जारी कर नई पहल की थी. अब ये मुहिम 10,000 का आंकड़ा पार कर चुकी है.
हिंदी के अलावा अब उड़िया, गुजराती, तमिल, असमी, खासी, गारो, पंजाबी, नेपाली और बांग्ला में भी उन राज्यों से जुड़े मुकदमों के फैसलों का अनुवाद किया जा रहा है. जल्दी ही इसका दायरा अन्य और कई भारतीय भाषाओं तक बढ़ाया जाएगा. अब आम आदमी के लिए सबसे ऊंची अदालत की चौखट तक पहुंचकर इंसाफ मांगना आसान होगा. इस पहल के जरिए देश की न्यायपालिका भी सीधे सरलता से आम लोगों तक पहुंच पाएगी.
बता दें कि अब लोग अपनी ही मातृभाषा और उसकी लिपि में अपने मुकदमे के फैसले पढ़कर कानूनी प्रक्रिया में शामिल भी हो सकेंगे. नई मुहिम के तहत सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर हिंदी सहित क्षेत्रीय भाषाओं में फैसलों की तादाद हर दिन बढ़ती जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ई-कोर्ट्स कमेटी के मुताबिक, अनुवाद के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है. फैसलों का सटीक अनुवाद करने के लिए न्यायिक अफसरों की मदद भी ली जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अभय एस ओक इस पूरी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं.
वहीं, कानूनी पेशे से जुड़े लोगों का मानना है कि इससे आम लोगों के साथ-साथ कानून के छात्र, शोधकर्ता, लेखक, शिक्षक आदि दूसरे कई तबके के लोगों को भी फायदा होगा क्योंकि विधि संस्थानों के ग्रंथागार में सभी संबंधित भाषाओं में फैसलों को ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकेगा.
VIDEO | "I also thank the Supreme Court. It has said that the operative part of the judgments will be in one's mother tongue. The significance of the mother tongue is increasing,” said PM Modi in his Independence Day speech, earlier today.READ: https://t.co/ZaJqAxrnq5 pic.twitter.com/bduDwYtzyV
— Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2023
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