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भारत की इन जेलों में मिलेगा चिकन, होटल जैसा लजीज खाना और बहुत कुछ...एडिशनल डीजीपी ने दी जानकारी

jantaserishta.com
14 July 2021 7:56 AM GMT
भारत की इन जेलों में मिलेगा चिकन, होटल जैसा लजीज खाना और बहुत कुछ...एडिशनल डीजीपी ने दी जानकारी
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जेलों में सजा काट रहे कैदियों को शानदार होटल जैसा खाना मिल सकेगा. रेस्टोरेंट जैसे लजीज व्यंजनों के साथ चिकन और एनर्जी बार तक की व्यवस्था की जाएगी. कैदी खाने की शिकायत नहीं कर सकेंगे. ये जानकारी महाराष्ट्र जेल के अतिरिक्त महासंचालक सुनील रामानंद ने दी.

महाराष्ट्र के पुणे में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुनील रामानंद बताया कि आने वाले समय में मुंबई का आर्थर रोड जेल बहुमंजिला होने का प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि राज्यभर की जेलों में कैदियों के स्वास्थ के साथ उन्हें अच्छा भोजन मिल सके, इसका भी पूरा ध्यान रखा जाता है.
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जेलों में पैरोल पर छूटने के लिए तैयार 53 कैदी बाहर जाने से इंकार कर रहे हैं. इन कैदियों का कहना है कि घर से ज्यादा ध्यान जेल प्रशासन कैदियों का रखता है.
सुनील रामानंद ने बताया कि कोरोना की पहली लहर में राज्य की 60 जेलों में 152 प्रतिशत क्षमता से ज्यादा कैदी थे. अब तक कोरोना के कारण 4243 कैदी संक्रमित हुए और इनमें से 4157 ठीक हो गए. कोरोना काल में 13 हजार 115 कैदियों को पैरोल पर घर जाने दिया गया, जिसके चलते बंदियों की संख्या में कमी हुई है.
उन्होंने बताया कि राज्य के 9 ऐसे जेल रहे, जहां टोटल लॉकडाउन किया गया था. जिसके बाद प्रशासन ने अस्थाई रूप से कारागृह खोलकर कोविड- सेंटर शुरू किए. इस सब का लाभ ये हुआ कि अब जेलों में सिर्फ 73 एक्टिव केस हैं. 13 कैदी और 10 कर्मचारियों की मौत हुई थी. अब तक 87 हजार टेस्ट किए गए. वहीं अब तक 23 हजार 423 को कोरोना का टीका लगाया गया है.
सुनील रामनद ने बताया के मुंबई में बहुमंजिला कारागृह बनने का प्रस्ताव है. चेंबूर में महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा जमीन देने की तैयारी है, इसकी अनुमति अंतिम चरण में है, जिसके चलते मुंबई के आर्थर रोड जेल का भार भी कुछ हद तक कम हो जाएगा. कारागार में रोजगार बढ़ाने के प्रयास जारी हैं. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
पुणे के साथ-साथ ठाणे, रत्नागिरी और नासिक जेल में पर्यटन शुरू करने पर विचार चल रहा है. कारागृह कर्मचारियों को पुलिस विभाग की तरह धारा 197 के तहत संरक्षण मिलना चाहिए. समय के चलते बल प्रयोग भी करना पड़ता है, लेकिन कर्मचारियों पर ऐसा करने पर अपराध दर्ज होता है. उन्हें संरक्षण नहीं मिलता है. इन्हें भी संरक्षण मिले इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है.
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