छावला गैंगरेप केस: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा पीड़ित परिवार
दिल्ली। दिल्ली के छावला गैंगरेप केस में पीड़िता का परिवार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा. दरअसल, 7 नवंबर को दोषी करार दिए गए तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया था. जानकारी के मुताबिक, पीड़िता के पिता की तरफ से पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी.
बता दें, छावला गैंगरेप के आरोपियों को बरी करने, रिहा करने के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के प्रस्ताव को कानून मंत्रालय मंजूरी दे चुका है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने छावला गैंगरेप और मर्डर केस में दोषी करार दिए जा चुके आरोपियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए एलजी को प्रस्ताव भेजा था. एलजी की मंजूरी के बाद ये प्रस्ताव कानून मंत्रालय को भेजा गया था.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के द्वारका के छावला इलाके में 9 फरवरी 2012 को 19 साल की एक लड़की की रेप के बाद हत्या किए जाने की घटना हुई थी. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में युवती के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. निचली अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट से भी आरोपियों को राहत नहीं मिल सकी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. हाईकोर्ट से भी जब राहत नहीं मिली तब छावला गैंगरेप केस में दोषी करार दिए गए आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत और हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया और सभी को बरी करने, रिहा करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए ये भी कहा था कि किसी को केवल संदेह के आधार पर दोषी करार दे देना सही नहीं है.