रायपुर। बीते 3 वर्षों में कई राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुका छत्तीसगढ़ फिर एक बार राष्ट्रीय पटल पर चमका है। इस बार पं. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार-2022 के लिए जिला पंचायत कबीरधाम का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है। जिला पंचायत कबीरधाम के साथ जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत केजेदाह का भी चयन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए हुआ है। आगामी 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार प्रधानमंत्री के हाथों प्रदान किया जाएगा। जिला पंचायत कबीरधाम का चयन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए होने पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिले वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए चयन होने पर कलेक्टर कबीरधाम श्री रमेश शर्मा ने कहा कि यह अथक परिश्रम का परिणाम है कि राष्ट्रीय स्तर पर जिला पंचायत कबीरधाम को सम्मानित किया जा रहा है। वहीं जिला पंचायत कबीरधाम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 के दौरान किए गए विभिन्न उल्लेखनीय कार्यों के आधार पर जिले का चयन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए हुआ है। भौतिक सत्यापन के उपरांत जिला पंचायत कबीरधाम को राष्ट्रीय स्तर पर पंचायत पुरस्कार के लिए चयन किया गया, जो जिले एवं प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी तथा वन, पर्यावरण एवं आवास मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के दिशा-निर्देश पर ग्राम पंचायत क्षेत्रों में विभिन्न उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। यहां मुख्य रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ग्रामीणों को बड़ी मात्रा में रोजगार दिया गया। महिलाओं को आजीविका संवर्धन से जोड़ा गया। वहीं ग्राम पंचायत क्षेत्र में अधोसंरचना विकास जैसे सभी क्षेत्रों में बेहतर कार्य किये गये। इसी के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले को राष्ट्रीय स्तर पर पंचायत पुरस्कार-2022 के लिए चुना गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत केजेदाह का ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार देने के साथ मूलभूत सुविधाओं का विस्तार तथा दस्तावेजी करण व पारदर्शिता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान किया जाएगा।
इन उपलब्धियों के कारण हुआ चयन:-
1.वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के द्वारा 28836 परिवारों को 100 दिवस रोजगार प्रदान किया गया।
2. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के द्वारा 96 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार ग्रामीणों को दिया गया जो कि सालाना लेबर बजट के लक्ष्य का 100 प्रतिशत से अधिक रहा।
3. महिला आजीविका संवर्धन के लिए कम्यूनिटी फार्मिंग का कार्य ग्राम पंचायत राजानवागांव एवं बम्हनी में कराया जा रहा है। राजानवागांव में महिला समूह द्वारा सब्जी उत्पादन कर 1.80 लाख रूपए से अधिक की आमदनी अर्जित किया है। वहीं बम्हनी जनपद पंचायत कवर्धा के महिला समूह द्वारा 1.40 लाख रूपए की आमदनी अर्जित की गई है।
4. जिले में 158 बैंक सखी कार्यरत हैं, जिनके द्वारा शासकीय योजनाओं की राशि का भुगतान हितग्राहियों के घरों में जाकर किया जा रहा है। अब तक 34 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
5. जिले के 7 अलग-अलग स्थानों में महिला समूह के द्वारा भोर कलेवा नामक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की बिक्री का केंद्र चलाया जा रहा है। इन केंद्रों में 75 महिला जुड़ी हुई हैं, जो प्रति माह में 7 हजार से 8 हजार रूपए महीने की आमदनी अर्जित कर रही हैं।
6. वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले के 468 ग्राम पंचायतों में से 220 गौठानों का निर्माण कराया गया, जिसमें 1100 नग वर्मी कम्पोस्ट टैंक तथा 1100 नग नाडेब कम्पोस्ट टैंक का निर्माण कराया गया। इनमें से प्रत्येक 4 माह के अंतराल पर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। इस तरह दोनों टैंक (वर्मी/नाडेब) के द्वारा प्रति वर्ष लगभग 39 हजार 600 टन वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है।
7. जल संवर्धन के कार्य हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से नर्मदा नाला का जीर्णोद्धार का कार्य किया गया है। जिससे जल स्तर में वृद्धि होकर ग्रामीणों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल रहा है।
8. प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत बागवानी विभाग और रूर्बन मिशन द्वारा सब्जियों एवं फलों का उत्पादन बढ़ाने और स्थानीय स्तर पर जल संचयन बढ़ाने के लिए ड्रीप सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है। इस तकनीक अच्छा उत्पादन और किसानों की आमदनी में वृद्धि हुई और पानी की बचत हुई।
9. गौरी कृपा स्व-सहायता समूह राजानवागांव के द्वारा प्रिंटिंग प्रेस की गतिविधि का संचालन किया जा रहा है। जिले के अंतर्गत सभी विकासखंड के स्व-सहायता समूह की पुस्तकों की आपूर्ति कर समूह द्वारा 3 लाख 45 हजार रूपए का आय अर्जित किया गया है।
10. जय बूढ़ादेव स्व-सहायता समूह पथर्रा विकासखंड कवर्धा द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचायत विभाग एवं पशु पालन विभाग के साथ मिलकर कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गी पालन का कार्य किया जा रहा है। इससे महिला स्व-सहायता समूह को 1 लाख 16 हजार रूपए का आय अर्जित हुई है।