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छपरा : बालू लदी नाव गंगा में पलटी, 14 मजदूर लापता

Rani Sahu
2 Sep 2021 6:18 PM GMT
छपरा : बालू लदी नाव गंगा में पलटी, 14 मजदूर लापता
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छपरा से दर्दनाक खबर आ रही है। यहां बालू लदी नाव गंगा में पलट गई। नाव पर 14 मजदूर सवार थे

छपरा से दर्दनाक खबर आ रही है। यहां बालू लदी नाव गंगा में पलट गई। नाव पर 14 मजदूर सवार थे। सभी मजदूरों के डूबने की आशंका जताई जा रही है। मामले की जानकारी मिलते ही आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और राहत-बचाव कार्य किया जा रहा है। कुछ मजदूरों के तैर कर बाहर आने की बात कही जा रही है, लेकिन पुष्टि कोई नहीं कर रहा है। आंधी और बवंडर को घटना का कारण बताया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि डोरीगंज और मनेर की सीमा पर नास के पास हादसा हुआ है। कोईलवर से बालू लाद कर नाव लौट रही थी। नाव पर बालू लादने और उतारने वाले मजदूरों के साथ ही मल्लाह भी थे। गंगा में लापता हुए मजदूर मुजफ्फरपुर और मोतिहारी के बताए जा रहे हैं। गोताखोरों को भी मौके पर बुलाया गया है। गंगा में बढ़ाव और बहाव ज्यादा होने से अधिकारी एक तरह से असहाय बने हुए हैं। मोटर बोट से घटनास्थल पर पड़ताल हो रही है।
साथ चल रही दो नाव बची
घटना के समय गंगा नदी में उठ रही ऊंची लहरों में तीन नावें फंस गई थीं। इनमें खाली दो नाव और उस पर सवार लोग किसी तरह बचकर निकल गए जबकि तीसरी नाव बालू लदा होने के कारण गंगा नदी में गोता खाकर समा गई। गंगा नदी में उठ रही ऊंची लहरों के कारण अन्य नाव पर सवार लोग डूब रहे लोगों की मदद नहीं कर पाए। देर शाम तक किसी मजदूर या नाविक के तैरकर बाहर निकलने की सूचना नहीं मिली है। सूत्रों ने बताया कि बालू लदी नाव सारण के डोरीगंज थानाक्षेत्र के दियारे के बलवान टोला गांव की थी।
प्रत्यक्षदर्शी मजदूरों ने बताया कि बवंडर इतना तेज था कि कोई मजदूर नाव पर से नदी में कूद भी नहीं पाया। देर शाम तक किसी मजदूर या नाविक के तैरकर बाहर निकलने की सूचना नहीं मिली है। सूत्रों ने बताया कि बालू लदी नाव सारण के डोरीगंज थानाक्षेत्र के दियारे के बलवन टोला गांव की थी। नाव पर मजदूरी करने वाले सभी मजदूर और नाविक मुजफ्फरपुर और मोतिहारी के रहने वाले हैं। हालांकि, बालू लदी नाव डोरीगंज के बलवन टोला गांव के किस मालिक की थी, इसकी पुष्टि कोई खुलकर करने की बजाय दबी जुबान से ही कर रहा था।
गौरतलब है कि नास के समीप अक्सर बालू लदी नावें डूबती हैं जिसका पता आम लोगों या स्थानीय प्रशासन को भी नहीं चल पाता है। विगत दो दिन पहले ही इसी जगह पर बालू लदी एक नाव डूबी थी। इस घटना में सभी मजदूर सुरक्षित बच गए थे। नाव डूबने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। स्थानीय मजदूर होने की स्थिति में भी स्थानीय स्तर पर सुलह अधिकांशत: हो जाता है। वहीं बाहरी मजदूर के गायब होने पर तो जल्दी पता ही नहीं चल पाता है। डोरीगंज थानाध्यक्ष राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
इससे पहले 10 अगस्त को बिंदगावा गांव के सामने आरा-छपरा पुल के पाए से टकराकर एक नाव पलटकर डूब गई थी। इसमें नाव सवार 6 लोग लापता हो गए थे। नाव उत्तर प्रदेश के महुली घाट से बालू बेचकर वापस आ रही थी। अंधेरा होने के कारण नाव बिंदगावा गांव के पास आरा-छपरा पुल के पाए से टकरा गई। नाव पर 12 मजदूर सवार थे। इसमें से 6 मजदूर नदी की धारा में तैरते हुए रहरिया घाट के सामने पहुंचे। वहां सोन की तरफ से आ रही नाव पर सवार मजदूरों ने 6 लोगों को बचा लिया था।


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